कोरोना के साथ निजी से सरकारी स�?कूलों में दाखिले की संख�?या बढ़ी है

जनता से रिश�?ता वेबडेस�?क। कोरोना के कठिन दो वर�?षों में ग�?जरात के शिक�?षा क�?षेत�?र में �?क नया चलन देखने को मिला। जिस साल से कोरोना श�?रू ह�?आ और उसके अगले साल यह बात सामने आई है कि आश�?चर�?यजनक रूप से अभिभावक अपने बच�?चों को प�?रदेश के निजी स�?कूलों से लेकर सरकारी स�?कूलों में भेजने लगे हैं. हाला�?कि, जब कोरोना संकट लगभग समाप�?त हो गया था और प�?रतिबंध हटा दि�? ग�? थे, उस अवधि के दौरान सरकारी और निजी स�?कूलों का अन�?पात उलट गया क�?योंकि स�?थिति सामान�?य होने लगी थी। इन दो वर�?षों में, यह म�?ख�?य रूप से पाया गया है कि यह प�?रवृत�?ति बढ़ गई है क�?योंकि माता-पिता को निजी स�?कूल की फीस वहन करने में समस�?या होती है, जिसका रोजगार पर गंभीर प�?रभाव पड़ता है।

पिछले पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2020-21 के शैक�?षणिक सत�?र में, यानी जब कोरोना अभी श�?रू ही ह�?आ था और महामारी गंभीरता से नहीं फैली थी, तब राज�?य के निजी स�?कूलों के 2.85 लाख छात�?रों ने सरकारी स�?कूलों में प�?रवेश लिया था. जब प�?रदेश में कोरोना अपने पीक पर पह�?ंचा था और इसी अवधि में यानी 2021-22 के शैक�?षणिक सत�?र में यह ट�?रेंड भी पीक पर था. उस साल 3.5 लाख छात�?रों को निजी स�?कूलों से निकालकर सरकारी स�?कूलों में दाखिला दिलाया गया था।
हालांकि, इस तरह के पलायन में 2022-23 के शैक�?षणिक सत�?र में फिर से गिरावट आई और कोरोना की चिंता लगभग खत�?म हो गई और केवल 2.25 लाख छात�?रों ने स�?कूल बदले। जिसे हर साल औसतन निजी से सरकारी की ओर पलायन माना जाता है। यह अहमदाबाद नगर निगम के स�?कूलों में सबसे ज�?यादा था। 2018-19 से 2022-23 की अवधि में, 2.14 लाख छात�?र अहमदाबाद के निजी स�?कूलों से सरकारी स�?कूलों में स�?थानांतरित ह�?�?। अहमदाबाद में भी, यह प�?रवृत�?ति 2021-22 में चरम पर थी, जब माता-पिता द�?वारा 47,000 बच�?चों को आत�?मनिर�?भर निजी स�?कूलों से सरकारी स�?कूलों में नामांकित किया गया था।


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