जीविका व स्वयं सहायता समूह भी कृषि फार्म पर करेंगे बीज उत्पादन


बिहार |� कृषि फार्म पर बीज उत्पादन के लिए फसलों के नाम तय कर दिए गए हैं. मोटे अनाज, मसूर और तिल के बीज का उत्पादन सभी 10 कृषि फार्म पर निजी एजेंसी करेगी. तीन फार्म पर धान और एक पर गेहूं का बीज उत्पादन होगा. ये कृषि फार्म रबी मौसम से ही एजेंसियों को दे दिए जाएंगे.
कृषि निदेशक आलोक रंजन घोष ने बताया कि इसके लिए आवेदन मांगे गए हैं. निजी और सरकारी दोनों तरह की एजेंसियों को मौका दिया गया है. स्वयं सहायता समूह, जीविका समूह और किसान उत्पादक समूह (एफपीओ) भी जनभागीदारी में बीज उत्पादन कर सकते हैं. सरकारी एजेंसियों में बीएयू, केविके, बिसा, आईसीएआर भी बीज उत्पादन के लिए आगे आ सकती हैं.
फसल कटनी के बाद 70 फीसदी बीज एजेंसी अपने हिसाब से बिक्री कर सकती है. 30 फीसदी बीज न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बिहार राज्य बीज निगम को देना होगा. शुरुआती चरण में इन्हें पांच साल के लिए कृषि फार्म मिलेगा. संतोषजनक उत्पादन करने पर दो साल के लिए बढ़ाया जा सकता है.
राज्य में अभी मोटे अनाज और तिल के बीज की कमी है. तिल का उत्पादन गया और दरभंगा में शुरू किया जा रहा है. मडुआ के बीज का उत्पादन गया, पश्चिम चंपारण, बांका, सारण और सुपौल में होगा. यहां से उत्पादित बीज किसानों को दिए जाएंगे.
एजेंसी को दिए जाने वाले कृषि फार्म
● कृषि फार्म - फसल (खरीफ, गरमा और रबी के लिए)
● समहुता, रोहतास - धान, मोटे अनाज, चना, मसूर, मूंग
● गुरारु, गया - मड़ुआ, मोटे अनाज, सरसों, तिल, मसूर, मूंग
● पीरो, भोजपुर - धान, मोटे अनाज, सरसों, मसूर, मूंग
● परसा, पश्चिम चंपारण - मड़ुआ, मोटे अनाज, अरहर,
● कल्याणपुर, बांका - मड़ुआ, अरहर, मोटे अनाज, सरसों, चना, मूंग, उड़द
● कटिहार, कटिहार - धान, मोटे अनाज, सरसों, मसूर, मूंग
● हरिहरपुर, सारण - अरहर, मड़ुआ, मोटे अनाज, मसूर, चना, मटर, सरसों, मूंग
● त्रिवेणीगंज, सुपौल - उड़द, मड़ुआ, मोटे अनाज, मसूर, सरसों, मूंग
● चौकी, बेगूसराय - सोयाबीन, उड़द, मोटे अनाज, गेहूं, चना, मसूर, मूंग, उड़द
● हथौडी, दरभंगा - अरहर, बाजरा, मोटे अनाज, राई, सरसों, चना, मसूर, तिल

बिहार |� कृषि फार्म पर बीज उत्पादन के लिए फसलों के नाम तय कर दिए गए हैं. मोटे अनाज, मसूर और तिल के बीज का उत्पादन सभी 10 कृषि फार्म पर निजी एजेंसी करेगी. तीन फार्म पर धान और एक पर गेहूं का बीज उत्पादन होगा. ये कृषि फार्म रबी मौसम से ही एजेंसियों को दे दिए जाएंगे.
कृषि निदेशक आलोक रंजन घोष ने बताया कि इसके लिए आवेदन मांगे गए हैं. निजी और सरकारी दोनों तरह की एजेंसियों को मौका दिया गया है. स्वयं सहायता समूह, जीविका समूह और किसान उत्पादक समूह (एफपीओ) भी जनभागीदारी में बीज उत्पादन कर सकते हैं. सरकारी एजेंसियों में बीएयू, केविके, बिसा, आईसीएआर भी बीज उत्पादन के लिए आगे आ सकती हैं.
फसल कटनी के बाद 70 फीसदी बीज एजेंसी अपने हिसाब से बिक्री कर सकती है. 30 फीसदी बीज न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बिहार राज्य बीज निगम को देना होगा. शुरुआती चरण में इन्हें पांच साल के लिए कृषि फार्म मिलेगा. संतोषजनक उत्पादन करने पर दो साल के लिए बढ़ाया जा सकता है.
राज्य में अभी मोटे अनाज और तिल के बीज की कमी है. तिल का उत्पादन गया और दरभंगा में शुरू किया जा रहा है. मडुआ के बीज का उत्पादन गया, पश्चिम चंपारण, बांका, सारण और सुपौल में होगा. यहां से उत्पादित बीज किसानों को दिए जाएंगे.
एजेंसी को दिए जाने वाले कृषि फार्म
● कृषि फार्म – फसल (खरीफ, गरमा और रबी के लिए)
● समहुता, रोहतास – धान, मोटे अनाज, चना, मसूर, मूंग
● गुरारु, गया – मड़ुआ, मोटे अनाज, सरसों, तिल, मसूर, मूंग
● पीरो, भोजपुर – धान, मोटे अनाज, सरसों, मसूर, मूंग
● परसा, पश्चिम चंपारण – मड़ुआ, मोटे अनाज, अरहर,
● कल्याणपुर, बांका – मड़ुआ, अरहर, मोटे अनाज, सरसों, चना, मूंग, उड़द
● कटिहार, कटिहार – धान, मोटे अनाज, सरसों, मसूर, मूंग
● हरिहरपुर, सारण – अरहर, मड़ुआ, मोटे अनाज, मसूर, चना, मटर, सरसों, मूंग
● त्रिवेणीगंज, सुपौल – उड़द, मड़ुआ, मोटे अनाज, मसूर, सरसों, मूंग
● चौकी, बेगूसराय – सोयाबीन, उड़द, मोटे अनाज, गेहूं, चना, मसूर, मूंग, उड़द
● हथौडी, दरभंगा – अरहर, बाजरा, मोटे अनाज, राई, सरसों, चना, मसूर, तिल
