हत्या के आरोपित को उम्रकैद की सजा


बिहार |� स्थानीय व्यवहार न्यायालय के एडीजे सात धीरेंद्र कुमार ने हत्या मामले में आरोपित को उम्र कैद की सजा सुनायी है. साथ ही 50 हजार जुर्माना किया. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. मृतक परमानंद सिंह बेगूसराय जिला के बखरी थाना क्षेत्र के मक्खाचक गांव का निवासी था. कोर्ट ने बेगूसराय के डंडारी थाना क्षेत्र के मोहिनुद्दीनपुर गांव निवासी मो. शाहरुख को आपराधिक षड़यंत्र रचने व हत्या कर साक्ष्य को छुपाने के मामले में उम्र कैद की सजा सुनायी.
आरोपित ने अनुसंधान के दौरान पुलिस के समक्ष हत्या मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए घटना में शामिल अन्य आरोपित का भी नाम बताया था. मामले के अन्य आरोपित साजन कुमार, विपिन कुमार व देवेंद्र कुमार का मामला इसी न्यायालय में लंबित है.
एपीपी कुमारी स्नेहलता सुजल व मृतक के पुत्र पंकज कुमार की ओर से वरीय अधिवक्ता शिवदानी सिंह व रंजन कुमार ने सभी 11 लोगों की गवाही करायी थी. एपीपी ने बताया कि आरोपित मो. शाहरुख मृतक परमानंद सिंह का किराएदार था. वह जूता चप्पल की फैक्ट्री का मालिक था. घटना के पूर्व मृतक परमानंद सिंह से व्यवसाय के लिए 11 लाख रुपए कर्ज लिया था. इसे मृतक अक्सर मांगा करता था. इसी दौरान 16 जुलाई 2019 को आरोपित अपने अन्य साथियों के साथ मृतक परमानंद सिंह को पटना जमीन दिखाने के बहाने घर से बुलाकर ले गया. देर रात तक जब वह नहीं लौटा, तो परिजन मोबाइल से बात करना चाहे. लेकिन, बात नहीं हो सकी. इसके बाद आरोपित से घर जाकर उसके बारे में पूछताछ की. उसका भी कोई अता पता नहीं चला.
खोजबीन के दौरान परिजनों को राजगीर थाना क्षेत्र में 17 जुलाई 2019 को कुएं से अज्ञात व्यक्ति की लाश मिलने की जानकारी मिली. फोटो के आधार पर मृतक परमानंद सिंह की पहचान की गयी. हालांकि 17 जुलाई 2019 को राजगीर थाना में चौकीदार लाला पासवान द्वारा अज्ञात अपराधियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया था. अनुसंधान के दौरान पुलिस ने परिजनों के बयान पर आरोपित को गिरफ्तार किया था.

बिहार |� स्थानीय व्यवहार न्यायालय के एडीजे सात धीरेंद्र कुमार ने हत्या मामले में आरोपित को उम्र कैद की सजा सुनायी है. साथ ही 50 हजार जुर्माना किया. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. मृतक परमानंद सिंह बेगूसराय जिला के बखरी थाना क्षेत्र के मक्खाचक गांव का निवासी था. कोर्ट ने बेगूसराय के डंडारी थाना क्षेत्र के मोहिनुद्दीनपुर गांव निवासी मो. शाहरुख को आपराधिक षड़यंत्र रचने व हत्या कर साक्ष्य को छुपाने के मामले में उम्र कैद की सजा सुनायी.
आरोपित ने अनुसंधान के दौरान पुलिस के समक्ष हत्या मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए घटना में शामिल अन्य आरोपित का भी नाम बताया था. मामले के अन्य आरोपित साजन कुमार, विपिन कुमार व देवेंद्र कुमार का मामला इसी न्यायालय में लंबित है.
एपीपी कुमारी स्नेहलता सुजल व मृतक के पुत्र पंकज कुमार की ओर से वरीय अधिवक्ता शिवदानी सिंह व रंजन कुमार ने सभी 11 लोगों की गवाही करायी थी. एपीपी ने बताया कि आरोपित मो. शाहरुख मृतक परमानंद सिंह का किराएदार था. वह जूता चप्पल की फैक्ट्री का मालिक था. घटना के पूर्व मृतक परमानंद सिंह से व्यवसाय के लिए 11 लाख रुपए कर्ज लिया था. इसे मृतक अक्सर मांगा करता था. इसी दौरान 16 जुलाई 2019 को आरोपित अपने अन्य साथियों के साथ मृतक परमानंद सिंह को पटना जमीन दिखाने के बहाने घर से बुलाकर ले गया. देर रात तक जब वह नहीं लौटा, तो परिजन मोबाइल से बात करना चाहे. लेकिन, बात नहीं हो सकी. इसके बाद आरोपित से घर जाकर उसके बारे में पूछताछ की. उसका भी कोई अता पता नहीं चला.
खोजबीन के दौरान परिजनों को राजगीर थाना क्षेत्र में 17 जुलाई 2019 को कुएं से अज्ञात व्यक्ति की लाश मिलने की जानकारी मिली. फोटो के आधार पर मृतक परमानंद सिंह की पहचान की गयी. हालांकि 17 जुलाई 2019 को राजगीर थाना में चौकीदार लाला पासवान द्वारा अज्ञात अपराधियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया था. अनुसंधान के दौरान पुलिस ने परिजनों के बयान पर आरोपित को गिरफ्तार किया था.
