तीन साल पहले फिल�?म निर�?माता नयना सूर�?या की मौत पर गहराया रहस�?य; पोस�?टमार�?टम रिपोर�?ट में चोट का ख�?लासा ह�?आ

तिर�?वनंतप�?रम: तीन साल पहले य�?वा निर�?देशक नयना सूर�?या की संदिग�?ध मौत का रहस�?य गहराता जा रहा है क�?योंकि मृतक के दोस�?तों द�?वारा प�?राप�?त शव परीक�?षण रिपोर�?ट से पता चलता है कि उसकी गर�?दन, पेट और आंतरिक अंगों पर चोट के निशान थे।
28 वर�?षीय, जिसने �?क दशक तक प�?रसिद�?ध निर�?देशक लेनिन राजेंद�?रन की सहायता की थी, 24 फरवरी, 2019 को अल�?थारा नगर के पास अपने किरा�? के घर में मृत पाई गई थी।
नयना के दोस�?तों के पास पह�?ंची पोस�?टमार�?टम रिपोर�?ट के अन�?सार, उसकी गर�?दन पर चोट के निशान थे, जिससे पता चलता है कि यह गला घोंटने के कारण हो सकता है। गर�?दन पर और उसके चारों ओर खरोंच के निशान थे, जिनमें से सबसे बड़ा लगभग 32 सेंटीमीटर का था। अंदरूनी अंगों में भी चोटें आई हैं। पेट में चोट थी जो शायद पेट भरने से ह�?ई होगी। रिकॉर�?ड के अन�?सार, अग�?न�?याशय और ग�?र�?दे में आंतरिक रक�?तस�?राव भी देखा गया था, जबकि तिल�?ली में भी चोटें लगी थीं।
प�?लिस का प�?रारंभिक अन�?मान यह था कि नयना के रक�?त शर�?करा के स�?तर में गिरावट आ सकती थी, जिसके परिणामस�?वरूप उसकी मृत�?य�? हो गई क�?योंकि घर में उसकी मदद करने वाला कोई नहीं था। हालांकि पोस�?टमार�?टम रिपोर�?ट प�?लिस के अन�?मान से बिल�?क�?ल उलट है।
य�?वा निर�?देशक, जो �?क स�?वतंत�?र फिल�?म निर�?माता के रूप में श�?र�?आत करने के लि�? उत�?स�?क थी, को उसके दोस�?तों ने मृत पाया, जो उनकी कॉल का जवाब देने में विफल होने के कारण उस स�?थान पर पह�?ंचे थे।
अलप�?पड़ तटीय गांव के मूल निवासी, नयना ने जाने-माने निर�?देशकों कमल, जीतू जोसेफ और डॉ बीजू की सहायता की थी।
