कर्जे पर सफाई देने के स्थान पर संस्थान बंद करने के कारण बताए सरकार

शिमला। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल ने तंज कसा कि प्रदेश सरकार कर्ज पर सफाई देने के स्थान पर प्रदेश की जनता को 1500 संस्थान बंद करने का कारण बताए। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और राज्य सरकार में नेता सरकार द्वारा लिए गए कर्जे पर सफाई देने में लगे हैं तथा उसे भी वह ठीक तरह से नहीं दे पा रहे हैं। बिंदल ने शिमला से जारी बयान में कहा कि भाजपा की आरटीआई में खुलासा हुआ है कि वर्तमान सरकार बनने के बाद अक्तूबर माह तक हिमाचल सरकार ने 10300 करोड़ रुपए का ऋण लिया है। उसके बाद 800 करोड़ का और कर्ज लिया गया है, ऐसे में वर्तमान सरकार अपने कार्यकाल में 1000 करोड़ रुपए प्रतिमाह की औसत से कर्ज ले रही है और इसके हिसाब से 5 वर्ष में सरकार 60000 करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। यह कर्ज बिना किसी काम से लिया जा रहा है।

बिंदल ने सवाल किया कि सरकार ने अपनी एक भी गारंटी पूरी नहीं की और न ही अस्पताल, कार्यालय, स्कूल व अन्य कोई संस्थान खोला, ऐसे में किस बात का कर्ज लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब तो आपने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है, सुबाथू में एक काॅलेज को पहले आपने अपने कार्यक्षेत्र में लिया और उसके बाद उसको बंद कर दिया। यह कैसा व्यवस्था परिवर्तन है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनता की जेब पर बोझ डालकर अपनी आमदनी बढ़ा रही है। सरकार की आमदनी बढ़ाने के लिए डीजल के रेट 7.50 रुपए बढ़ाने सहित बिजली पर ड्यूटी, बस के किराए में बढ़ौतरी व वाटर सैस लगाया है। बिंदल ने कहा कि केंद्र ने हिमाचल प्रदेश को सड़कों के लिए 2700 करोड़ रुपए, बाढ़ राहत के लिए 1200 करोड़ तथा फोरलेन व नैशनल हाईवे को ठीक करने के लिए 1000 करोड़ रुपए दिए हैं लेकिन प्रदेश सरकार इसका धन्यवाद नहीं कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि हिमाचल प्रदेश की सरकार ने जनता को क्या दिया। गारंटी तो सरकार से पूरी होने नहीं वाली है।