
रायपुर। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही जिलों में बदलाव की बता चल रही है। चर्चा है कि प्रदेश की नई सरकार कुछ जिलों के कलेक्टरों को बदल सकती है, लेकिन अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है। अब सरकार के पास जिलों में बदलाव के लिए बहुत कम समय बचा है। सरकार 1 जनवरी तक कलेक्टर सहित जिला के राजस्व अमले में कोई बदलाव कर लेती है तो ठीक है वरना लोकसभा चुनाव तक ट्रांसफर मुश्किल हो जाएगा। चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्यक्रम जारी कर रखा है। इसके तहत 2 जनवरी से मतदाता सूची का पुनरीक्षण शुरू होगा और सूची का अंतिम प्रकाशन 8 फरवरी को होगा। ऐसे में इस दौरान कलेक्टर सहित मतदाता सूची के काम में लगे राजस्व अमले का ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा।

इस वजह से कहा जा रहा है कि जिलों में बदलाव के लिए सरकार के पास केवल 3 दिन का वक्त है। इसमें 2 दिन शनिवार और रविवार है। राज्य में कैबिनेट मंत्रियों के बीच विभागों में बंटवारा के साथ ही सरकारी कामकाज में तेजी आने की उम्मीद की जा रही है। इसके साथ ही प्रशासनिक सर्जरी की भी चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार कलेक्टरों की सूची बनाई जा रही है। कलेक्टरों के ट्रांसफर के लिए कुछ मापदंड तय किए गए हैं। राहत की बात यह है कि सरकार किसी भी कलेक्टर को राजनीतिक कारणों से नहीं हटा रही है। राजनीतिक कारणों से केवल वही कलेक्टर हटाए जाएंगे जिनके खिलाफ शिकायत ज्यादा शिकायत है। कलेक्टरों की पोस्टिंग में लोकसभा चुनाव को भी ध्यान में रखा जाएगा। बता दें कि मुख्यमंत्री साय पहले ही स्पष्ट कह चुके हैं कि हमारी सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर नहीं बल्कि टीम भावना से कार्य करेगी।