यौन उत्पीड़न के मामले में भारतीय मूल के शख्स को 18 साल हिरासत, 12 कोड़े की सजा

सिंगापुर (आईएएनएस)। सिंगापुर में एक भारतीय मूल के व्यक्ति को, जिसे बलात्कार मामले में 16 साल जेल में रहने के बाद रिहा किया गया था, एक बार फिर 18 साल की एहतियातन हिरासत और 12 कोड़े मारने की सजा सुनाई गई है।एहतियातन हिरासत एक कठोर सजा है, जो जनता को बचाने के लिए एक आदतन अपराधी को 7 से 20 साल तक जेल में रखती है।
चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, 44 वर्षीय मार्क कलैवानन तमिलारासन को गंभीर यौन उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न करने के लिए घर में घुसना, यौन हिंसा करना और एक लोक सेवक का वेश धारण करने के चार आरोपों में दोषी ठहराया गया था।
जुलाई 2017 में नशे की हालत में तमिलारासन एक फ्लैट में घुस गया, जहां उसने एक घरेलू सहायिका का यौन उत्पीड़न किया। उसने झूठ बोला कि वह एक पुलिस अधिकारी है और उससे छेड़छाड़ करने से पहले उससे पासपोर्ट, वर्क परमिट और पैसे की मांग की।
घरेलू सहायिका, जिसने तमिलरासन को पहले कभी नहीं देखा था, मदद के लिए जोर-जोर से चिल्लाई और उसकी चीखें एक पड़ोसी कर्मचारी ने सुनी, जिसने पुलिस को फोन किया।
तमिलरासन ने इस साल फरवरी में सजा की सुनवाई के दौरान दावा किया कि वह घरेलू सहायिका से पहले ऑर्चर्ड टावर्स के एक क्लब में मिला था, जहां वह अक्सर डांस करने जाता था। उसने अपने बचाव में कुछ अन्य दावों को भी पेश किया।
लेकिन दावों को खारिज कर दिया गया और तमिलारासन को गंभीर यौन उत्पीड़, जबरन घर में घुसना, शील भंग करना और एक लोक सेवक का वेश धारण करने के चार आरोपों में दोषी ठहराया गया।
उप लोक अभियोजक च्यू शिन यिंग और शेल्डन लिम ने कलैवानन को अधिकतम 20 साल की एहतियातन हिरासत में रखने की मांग की थी। न्यायमूर्ति खांग चाऊ ने उसे 18 साल की एहतियातन हिरासत में रखे जाने और 12 कोड़े मारने की सजा सुनाई।
