जिला परिषद कर्मियों ने मंत्री अनिरुद्ध सिंह के आश्वासन के बाद वापस ली हड़ताल

शिमला। 22 दिनों से हड़ताल पर चल रहे राज्य के 4700 जिला परिषद कर्मचारियों ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री के आश्वासनों के बाद अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है। अब सभी कर्मचारी सोमवार से अपने काम पर लौट आएंगे। शनिवार को जिला परिषद अधिकारी व कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों की मंत्री के साथ बैठक हुई, जिसमें उनकी मर्जर की मांग को जल्द पूरा करने और 30 अक्तूबर को इस संदर्भ में बैठक बुलाने और छठे वेतन आयोग के वित्तीय लाभ आगामी माह से देने पर सहमति जताई है। इसके बाद जिला परिषद कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल को अब समाप्त कर दिया है। जिला परिषद कर्मचारी 2 मुख्य मांगों विभाग में मर्जर और छठे वेतन आयोग को देने की मांग पर अड़े हुए थे।

30 सितम्बर से इन्होंने अनिश्चितकालीन कलम छोड़ो हड़ताल शुरू कर दी थी। सरकार द्वारा इन्हें आपदा की इस घड़ी में बार-बार काम पर लौटने की अपील की जाती रही और यहां तक कि इनके साथ बैठक भी हुई, जिसमें कैबिनेट सब कमेटी बनाने पर भी सरकार ने कहा था लेकिन जिप कर्मी अपनी मांगों पर अड़े रहे। राज्य में आपदा के चलते प्रभावित हो रहे पंचायतों के कार्यों को देखते हुए विभाग की ओर से 167 जेई की सेवाएं बर्खास्त करने के आदेश नोटिस देने के बाद जारी हुए थे, जिस पर शुक्रवार को कई कनिष्ठ अभियंताओं ने ड्यूटी ज्वाइन कर ली थी, वहीं शनिवार को पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई। जिला परिषद अधिकारी व कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि मंत्री के आश्वासन के बाद उन्होंने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है। वह नहीं चाहते थे कि आपदा के इस दौर में हड़ताल करें क्योंकि उनकी मांग को बार-बार अनदेखा किया जाता रहा है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि वह अब विभाग व कर्मचारियों की 30 या 31 अक्तूबर को बैठक करेंगे, जिसमें आगामी रूपरेखा तैयार होगी।