नेपाल ने भारत से किया चावल और चीनी देने का अनुरोध

काठमांडू: नेपाल सरकार ने नई दिल्ली में अपने समकक्षों को चावल, चीनी और धान उपलब्ध कराने के लिए लिखा है। भारत ने नेपाल को देने वाले चावल पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद इसका असर नेपाल के बाजार पर पड़़ रहा था।
यह अनुरोध पिछले सप्ताह विदेश मंत्रालय के जरिए भारत से किया गया था। उद्योग वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्रालय के संयुक्त सचिव राम चंद्र तिवारी ने आईएएनएस को बताया, “हमने भारतीय पक्ष से 100,000 टन चावल, 50,000 टन चीनी और 10 लाख टन धान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।” भारत के चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद नेेेेपाल की जनता के बीच ऐसा माहौल पैदा हो गया था कि बाजार में चावल की कमी हो सकती है।
तिवारी ने कहा, जनता की इस धारणा को दूर करने के लिए हमने अनाज और चीनी की आपूर्ति के लिए अनुरोध किया है। हालांकि, विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को अनुरोध के बारे में भारतीय पक्ष से बातचीत की। यह अनुरोध काठमांडू में भारतीय दूतावास के माध्यम से भेजा गया था।
कुछ नेपाली व्यापारियों ने अल नीनो मौसम व्यवधान के खतरे के बीच 20 जुलाई से गैर-बासमती चावल के निर्यात पर भारत के प्रतिबंध के बहाने चावल और धान की जमाखोरी शुरू कर दी थी। जैसे ही भारत के प्रतिबंध के बारे में खबर आई, व्यापारियों ने भारी मात्रा में चावल की जमाखोरी शुरू कर दी, जिसके परिणामस्वरूप नेपाल में गैर-बासमती चावल की कीमतें बढ़ गईं।
नेपाल में चावल मुख्य भोजन है और यह ज्यादातर भारत से आयातित भोजन पर निर्भर है। भारत सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार नेपाल ने भारत से 1.4 मिलियन टन चावल, 1.38 मिलियन टन गैर बासमती और 19,000 टन बासमती चावल आयात किया है, जो रिकॉर्ड पर सबसे अधिक आयात है। चावल का आयात 473.43 मिलियन डॉलर या 60 अरब रुपये से थोड़ा अधिक था। 2022-23 में बासमती और गैर-बासमती चावल का आयात तेजी से गिरकर 812,028 टन हो गया क्योंकि भारत ने निर्यात को रोक दिया।
नेपाली व्यापारियों ने कहा है कि भारत द्वारा चावल का निर्यात बंद करने के तुरंत बाद, खुदरा कीमतें 25 किलोग्राम के पैक पर 200 रुपये से 250 रुपये तक बढ़ गई। उनका कहना है कि खासकर त्योहारी सीजन के दौरान कीमतें और बढ़ने की आशंका है। चूंकि त्योहारी सीजन में चावल और चीनी की खपत बढ़ जाती है, इसलिए सरकारी अधिकारियों का कहना है कि उनकी तैयारी खाने-पीने और चीनी जैसे जरूरी उत्पादों का स्टॉक रखने की है, ताकि आम जनता को भविष्य में किसी तरह की कमी का सामना न करना पड़े।
धान और चीनी के घटते स्टॉक के कारण, सरकार ने भविष्य में होने वाले संकट को कम करने के लिए भारत से खाद्यान्न और चीनी खरीदने का निर्णय लिया है। ऐसा अनुरोध करने से पहले उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्री रमेश रिजाल ने नेपाल में भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव से बातचीत की और उनसे नेपाल को चावल के निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाने का अनुरोध किया।


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