फर्जी ‘आशनाई’ की आड़ में छिपा ली गई फिरौती

कानपूर: ‘फिरौती के लिए हमारा बच्चा किडनैप किया गया. उसे मार डाला. पुलिस बचा नहीं पाई. सितम यह कि हमारे बच्चे पर ही आशनाई का कीचड़ उछालने की कोशिश की गई. पुलिस के पास कॉल डिटेल, मैसेज, फोटो, वीडियो, गवाह कुछ भी हो तो हमें दिखाए. पुलिस ने फिरौती के लिए अपहरण और कत्ल की धाराएं लगाईं पर मीडिया में आशनाई उछाल दी. हमारे भोले भाले बच्चे पर गंदी तोहमतें मढ़ दीं. रचिता के साथ उसकी आशनाई की मनगढ़ंत कहानी मीडिया में पेश करना बच्चे का अपमान नहीं है क्या..?’ अगवा कर कत्ल किए गए छात्र कुशाग्र के परिजनों ने इन शब्दों में अपना गुस्सा और दुख व्यक्त किया है.

अब तक की पड़ताल में जो भी तथ्य सामने आए हैं, उसमें पुलिस की बताई थ्योरी औंधे मुंह गिर रही है. अब तक पुलिस भी ऐसा सुराग नहीं तलाश सकी है, जिससे रचिता और कुशाग्र के बीच संबंध की तस्दीक होती हो. फिर आशनाई की कहानी किसने गढ़ी? प्रभात ने या पुलिस ने. पुलिस के मुताबिक उसके पास हत्यारोपित प्रभात का बयान है. बच्चे को धोखे से बुला कर मार डालने वाले के बयान को पुलिस ने सच मान लिया. परिजनों का सवाल है कि यह कहानी मीडिया में देने से पहले परिजनों का सवाल है कि बच्चे के स्वभाव, प्रतिष्ठा और चालचलन की तस्दीक क्यों नहीं की गई? प्रभात ने कुशाग्र को रचिता से दूर रहने के लिए कभी भी न तो धमकी दी न ही टोका. सूत्रों का कहना है कि संबंधों की कहानी मनगढ़ंत है. वजह अभी स्पष्ट नहीं है कि कहानी क्यों गढ़ी गई. हालात और तथ्य बता रहे हैं कि प्रभात ने पहले से तय कर रखा था कि कुशाग्र को मार कर फिरौती वसूलनी है. इसके लिए उसने सप्ताह पहले से रस्सी खरीद कर रखी थी. कोठरी में बिस्तर, पंखा जैसा साजो सामान जुटाया. कुशाग्र की रेकी की. रिजर्वेशन कराया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या का जो वक्त सामने आया, उससे स्पष्ट है कि कोठरी में लाते ही कुशाग्र को मार डाला गया.