बारिश व भूस्खलन का कहर, एक दिन में 21 मौतें, कई लापता

शिमलामानसून की मूसलाधार बारिश हिमाचल प्रदेश में कहर बरपा रही है। राज्य में कहीं बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ की घटनाओं से राज्य में भारी तबाही हुई है। इन घटनाओं में सोमवार को 21 लोगों को मौेत हुई है, जबकि कई लोग अभी भी मलबे में दबे या लापता हैं। राहत व बचाव दल दबे और लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं। सबसे ज्यादा नुकसान शिमला, मंडी और सोलन जिलों में हुआ है। शिमला और सोलन में नौ-नौ लोगों की मौत हुई। मंडी में दो और हमीरपुर जिले में एक व्यक्ति की जान गई। शिमला में दो दर्जन से अधिक लोग मलबे में दबे होने की आशंका हैं। यहां एक मंदिर के धराशायी होने से श्रद्धालुओं की जान गई।
शिमला के उपनगर समरहिल में भूस्खलन की चपेट में आने से प्रचीन शिव बावड़ी मंदिर ध्वस्त हो गया। हादसा सुबह सवा सात बजे के करीब हुआ, जब मंदिर में लोग सावन के सोमवार को जलाभिषेक करने पहुंचे थे। मंदिर में हवन यज्ञ और प्रसाद बनाने की भी तैयारी चल रही थी। इसी बीच सैलाब संग आए मलबे और विशालकाय पत्थरों ने मंदिर को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। पल भर में मंदिर का नामो-निशान मिट गया। हादसे के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। प्रशासन ने रेस्कयू आपरेशन में चलाकर अब तक पांच शव बरामद किए गए हैं। करीब दो दर्जन लोगों के मलबे में फंसने की आशंका है। मृतकों की पहचान प्रदीप पुत्र सुखराम उम्र 25 साल निवासी समरहिल शिव बावड़ी विद्यासागर पुत्र अमित कुमार उम्र 19 साल निवासी समरहिल शिव बावड़ी, अंकुश कुमार पुत्र बाबू सिंह उम्र 26 साल निवासी शिव बावड़ी समरहिल राहुल पुत्र अमित कुमार उम्र 19 साल निवासी शिव बावड़ी समरहिल, सावन कुमार पुत्र श्रवण कुमार उम्र 33 साल निवासी शिव बावड़ी समरहिल, अरुण कुमार पुत्र दयाचंद उम्र 28 साल निवासी शिव बावड़ी समरहिल के रूप में हुई है।
इसके अलावा शिमला में ही फागली इलाके में भी भूस्खलन से कई अस्थायी घर क्षतिग्रस्त हुए। यहां मां व बेटी सहित चार लोगों की मौत हो गई। मृतक मां व बेटी की पहचान कमला ठाकुर (52) पत्नी जनक ठाकुर और पूजा ठाकुर (21) पुत्री जनक ठाकुर के रूप में हुई है। जबकि कई लोग मलबे में दबे हैं। सोलन जिला के कंडाघाट के जड़ोन गांव में एक मकान के गिरने से एक परिवार के सात लोगों की जान गई। इसी जिले के अर्की उपमण्डल के चलोग गांव में मलबे की जद में आने से एक युवक व युवती की मौत हुई। इसी तरह मंडी जिला में मकानों के जमीदोंज होने से कई लोगों की जान गई।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला और सोलन के घटनास्थलों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बचाव कार्यों में और तेज़ी लाने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 48 घण्टे से जारी बारिश के कारण सोमवार को पूरे प्रदेश में 21 लोगों की मौत की सूचना मिली है। यह आंकड़ा अभी बढ़ सकता है, क्योंकि काफी लाग अभी भी मलबे में दबे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हालात पर लगातार नज़र बनाए हुए है। वह स्वयं सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ निरंतर सम्पर्क में हैं और उनसे पल-पल की जानकारी ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की नदियों का जल स्तर बढ़ गया है और ऐसे में प्रशासन को सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रदेशवासियों से भी सावधान रहने की अपील करते हुए नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी।
अभी बारिश से राहत नहीं, 18 अगस्त तक येलो अलर्ट
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अभी बारिश से राहत मिलने के आसार नहीं है। विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि 20 अगस्त तक राज्य में मौसम खराब रहेगा। 18 अगस्त तक बारिश को लेकर येलो अलर्ट रहेगा। अगले 24 घंटों के दौरान यानी 15 अगस्त को भारी बारिश होने की आशंका है।
कांगड़ा और सुजानपुर में सबसे ज्यादा बारिश
मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घंटों के दौरान कांगड़ा में सर्वाधिक 27 सेंटीमीटर बारिश हुई है। इसके अलावा सुजानपुर टीहरा व धर्मशाला में 25-25, पालमपुर में 22, गुलेर में 19, जोगेंद्रनगर, नगरोटा सूरियां में 18-18, कटुआला, सुंदरनगर में 17-17, बलद्वारा में 15, मंडी में 14, बरठीं में 13, नाहन में 11, घुमारवीं व कसौेली में 10-10 सेंटीमीटर वर्षा हुई।
भूस्खलन से दो नेशनल हाईवे समेत 621 सड़कें बंद
प्रदेश में भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, वहीं हजारों ट्रांसफार्मरों के खराब होने से अधिकांश इलाकों में बिजली गुल है। राज्य आपदा प्रबंधन की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार सायं तक राज्य में दो नेशनल हाईवे और 621 सड़कें अवरूद्ध हैं। हमीरपुर व मंडी जोन में 189-189 सड़कें बंद हैं। शिमला जोन में 146 और कांगड़ा जोन में 95 सड़कें बंद हैं। शिमला जोन और शाहपुर जोन में एक-एक नेशनल हाइवे बाधित है। इसके अलावा 4697 बिजली ट्रांसफार्मर बंद हैं। मंडी में सबसे ज्यादा 2672, हमीरपुर में 928, शिमला में 328, सोलन में 130 और उना में 103 बिजली ट्रांसफार्मर खराब हैं। इसके अलावा राज्य भर में 902 पेयजल परियोजनाएं भी बाधित हुई हैं। मंडी में 708 और बिलासपुर में 91 पेयजल परियोजनाएं बंद हैं।


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