बिखरे रिश्तों को आपसी सुलह से दोबारा जोड़ने पर जोर

मुरादाबाद। ससुराल में महिलाओं की प्रताड़ना के मामले बढ़ रहे हैं। महिलाएं अतिरिक्त दहेज, संतान या फिर बेटा न होने जैसे कई तरह के मामलों में प्रताड़ना और तानों का शिकार हो रहीं हैं। ऐसे मामले लगभग हर रोज महिला थाने में आ रहे हैं।
बुधवार की दोपहर महिला थाने में एक महिला अपने पति और बेटे संग सास की शिकायत लेकर आई। महिला सास पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज किए जाने की जिद पर अड़ी थी। बातचीत में थानाध्यक्ष को पता चला कि महिला की सास अपने पौत्र की पढाई की फीस भी भरती है और बेटे-बहू की भी मदद करती है। महिला का कहना था कि वह घर की दूसरी मंजिल पर रहेगी, जबकि सास भूतल पर रहे।
थानाध्यक्ष दीपा त्यागी ने मामला समझने के बाद महिला से उसकी सास की सराहना कर अपना उदाहरण दिया। कहा, वह ड्यूटी पर आ जाती हैं तो उनके बच्चे भी सास ही पालती हैं। थानाध्यक्ष ने कहा, किसी भी महिला के सफल जीवन में सास का बहुत बड़ा योगदान रहता है। सास ही मां होती है। खैर, महिला ने थानाध्यक्ष की बात मानी और जिद छोड़कर घर लौट गई।
थानाध्यक्ष दीपा त्यागी कहती हैं कि पहले आपसी बातचीत से ही मामले को सुलझाने की कोशिश रहती है। यदि प्रकरण थाना स्तर पर सुलझ नहीं पा रहा है तो उसे वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में भेजती हैं। जब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से भी बात नहीं बन पाती है, उस दशा में ही रिपोर्ट दर्ज करती हैं। यही कारण है कि पिछले अगस्त महीने से अब तक केवल तीन मामलों में ही महिला थाने में रिपोर्ट लिखी गई है।
