पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्लोज गन शॉट, बड़ी मात्रा में अपने करीबियों से रकम लेने की भी चर्चा

उत्तरप्रदेश | खैर ट्रस्ट के पूर्व मुतवल्ली, बीजेपी नेता और स्कूल प्रबंधक अकरम खान के मौत की मिस्ट्री पर पुलिस कई एंगल से जांच में जुटी है. तीन चिकित्सकों के पैनल की ओर दिए गए पीएम रिपोर्ट में मौत की वजह क्लोज गन शॉट बताया गया है. पुलिस ने बेगम खैर ट्रस्ट के पैड पर बाकायदा एक पेज लंबा सुसाइड नोट लिखा बरामद किया है. 19 सितंबर की तारीख में लिखे सुसाइड नोट में प्रभारी निरीक्षक कोतवाली को संबोधित किया है.
अपनी मौत को लेकर घरवालों को निर्दोष बताकर उनको परेशान नहीं करने की बात लिखी गई है. मित्रों की ओर से हो रही उपेक्षा, दिल्ली के एक शख्स से रुपये के मामले धोखा पाने का जिक्र और उसका मोबाइल नंबर भी पत्र में लिखा है. परिवार की बात नहीं मान कर व्यक्तिगत जीवन से जुड़े फैसले लेने के लिए खुद को ही जिम्मेदार मानने की बात सुसाइड नोट में बयां की है.
बड़ी मात्रा में अपने करीबियों से रकम लेने की भी चर्चा खैर ट्रस्ट में अपने करीबियों को किसी न किसी रूप में फायदा दिलाने के नाम पर काफी मात्रा रुपये लेने की भी बात शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है. उनके शुभचिंतक इस मामले में कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं. उनके जानने वालों का कहना है उन्होंने कई लोगों से रुपये ले रखे थे. कुछ बेहद करीबी लोग जो उनके साथ हर वक्त साए की तरह रहते थे वह लोग घटना के बाद से अपने को अंडरग्राउंड कर रखे हैं.
सुसाइड नोट का अंतिम शब्द था ‘जयहिंद’ अकरम खान के सुसाइड नोट का संबोधन प्रभारी निरीक्षक कोतवाली बस्ती के नाम से है. डिप्रेशन में आने की कई वजहों के जिक्र करने बाद उन्होंने सबसे आखिर में जयहिंद शब्द का प्रयोग किया है. आत्महत्या के पत्र में लिखी बातें यह साबित करतीं हैं कि उन्हें अपनी जीवन लीला को समाप्त करने का निर्णय पहले से ले रखा था. जिसको अंजाम की सुबह में दे दिया.
