जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने 10 साल पुराने केस की सुनवाई की

पाली। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग पाली में करीब 10 साल पुराने एक मामले की सुनवाई करते हुए अध्यक्ष यतींद्र कुमार शर्मा व सदस्य मेहनाज सम्मान ने यह फैसला सुनाया. सुमेरपुर की डॉ. अनीता राजपुरोहित को इलाज में लापरवाही का दोषी मानते हुए पीड़ित फरियादी को अगले एक माह में 3 लाख 95 हजार 905 रुपये देने का आदेश दिया। दरअसल सिरोही जिले के पोसलिया गांव (शिवगंज) निवासी हड़मत सिंह राजपूत की पत्नी संतोष कंवर ने 23 अप्रैल 2014 को जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, पाली में मामला दर्ज कराया था. इसमें बताया गया कि आठ जून 2013 की रात को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे जवाई बांध रोड सुमेरपुर स्थित समर्पण नर्सिंग होम ले गये. बच्चे जुड़वां होने के कारण डॉ. अनीता राजपुरोहित ने उनका सिजेरियन किया। उनके एक लड़का और एक लड़की थी। ऑपरेशन के बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। पेशाब के साथ खून आने लगा। मां का दूध नहीं मिलने से उसकी नवजात बेटी की मौत हो गई।
तबीयत बिगड़ने के कारण 15 जून 2013 को रेफर कर दिया गया। गंभीर हालत में उसे पालनपुर के देसाई अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसकी हालत गंभीर देखते हुए अहमदाबाद के राजस्थान अस्पताल ले जाया गया. जहां सीसीयू में भर्ती कर डॉ. भरत शाह के नेतृत्व में इलाज किया गया। जिससे उसकी जान बाल-बाल बच गई। शिकायत में संतोष कंवर ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन के दौरान डॉ. अनीता राजपुरोहित ने लापरवाही बरती, जिससे उनकी पेशाब की नली कट गई और उनकी जान को खतरा था और दूध के अभाव में उनकी नवजात बेटी की मौत हो गई. इससे उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से काफी परेशानी उठानी पड़ी। दोनों पक्षों को सुनने व तथ्यों को देखने के बाद जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग पाली अध्यक्ष यतीन्द्र कुमार शर्मा ने 10 साल पुराने इस विवाद का फैसला सुनाया. जिसमें डॉ. अनीता राजपुरोहित को इलाज में लापरवाही का दोषी मानते हुए शिकायतकर्ता को 50 हजार रुपये देने का आदेश दिया गया। साथ ही शिकायतकर्ता संतोष कंवर पत्नी हदवत सिंह राजपूत को परिवहन एवं परिचारक खर्च के लिए 20 हजार रुपये, मानसिक परेशानी के लिए 25 हजार रुपये देने का आदेश दिया।
