जस्टिस कांत ने मजीठिया की जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने सोमवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम मजीठिया को ड्रग मामले में जमानत देने के पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली पंजाब सरकार की अपील पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया।
मजीठिया ने 20 फरवरी को राज्य विधानसभा चुनाव के बाद आत्मसमर्पण कर दिया था और उच्च न्यायालय ने पिछले साल 10 अगस्त को उन्हें जमानत दे दी थी। उन पर अवैध ड्रग तस्करी की अनुमति देने और ड्रग व्यापार में शामिल अपराधियों को शरण देने का आरोप लगाया गया था।
पंजाब पुलिस ने धारा 25 (अधिनियम के तहत अपराध करने के लिए परिसर आदि का उपयोग करने की अनुमति देना), 27ए (अवैध यातायात का वित्तपोषण और अपराधियों को शरण देना) और 29 (उकसाना और आपराधिक साजिश), नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ ( साहिबजादा अजीत सिंह नगर (मोहाली) में ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (बीओआई) में मजीठिया के खिलाफ एनडीपीएस) अधिनियम, 1985।
