पराली जलाने पर तीन को नोटिस जारी

नोएडा: सेटेलाइट के जरिए मिली सूचना के आधार पर जिले में 10 से अधिक स्थानों पर पराली जलने के मामले सामने आए हैं. हालांकि, जिला प्रशासन महज पांच स्थानों पर पराली जलाए जाने का दावा कर रहा है. इनमें से सिर्फ तीन किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं.
जिले में दो स्थानों पर पराली के बजाय कूड़े के ढेर में आग सुलगती मिली है. जबकि, अन्य मामलों में प्रशासन गौतमबुद्धनगर के बजाय बुलंदशहर, अलीगढ़ की सीमा में पराली जलने का दावा कर रहा है. दिवाली का त्योहार आने से पहले जहरीली हुई जिले की आबोहवा में जलती पराली घी का काम कर रही है.
जागरूकता के बावजूद कई स्थानों पर किसान रात के अंधेरे में धान की पराली जला रहे हैं. इसके कारण शहर में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है. हालांकि, जिला स्तर पर पराली जलाने से रोकने के लिए सेल गठित किया गया है. साथ ही तहसील स्तर पर एसडीएम की अगुवाई में दस्ते बने हैं. लेखपालों व पंचायत सचिवों के साथ ग्राम प्रधानों को विशेष तौर पर जिम्मेदारी दी गई है. जेवर के मेवला गोपालगढ़ गांव में प्रशासनिक अधिकारियों को पराली जलाए जाने की सूचना मिली. आनन-फानन में प्रशासन की टीम मौंके पर निरीक्षण करने पहुंची. हालांकि मौंके पर कूड़े के ढेर में आग सुलगता देख अधिकारियों ने राहत की सांस ली.
गौतमबुद्ध नगर जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार सिंह के अनुसार किसी ने कूड़े के ढेर में आग लगा दी थी. सूचना पर विभाग ने जांच की. इसकी सूचना शासन को भेज दी गई है. जिले में इक्का-दुक्का स्थानों पर ही पराली जलाए जाने के मामले अभी तक सामने आए हैं.

किसानों के आबादी के मामले खारिज करने के विरोध में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसान संघर्ष समिति का धरना भी जारी रहा. धरना स्थल पर को होने वाली महापंचायत को लेकर किसानों ने गांव-गांव में बैठकें कर लोगों से आने की अपील कर रहे हैं.
किसानों की आबादी को निरस्त करने के विरोध में धरने पर बैठे किसानों की को होने वाली महापंचायत के लिए मायचा, हैबतपर, बादलपुर, खैरपुर आदि गांवों में जनसंपर्क किया गया.
किसानों ने कहा कि को अहंकार के प्रतीक रावण का दहन करके बुधवार को अपने परिवारों के साथ बड़ी संख्या में पहुंचकर प्राधिकरण के अहंकार का दहन करेंगे.