जोशीमठ क्षेत्र को लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में हुई सुनवा

देहरादून: बहुचर्चित जोशीमठ क्षेत्र को लेकर नैनीताल उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एनडीएमए में को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान पक्षकार पी. सी. तिवारी एवं उनके अधिवक्ता अभिजय नेगी एवं स्निग्धा तिवारी ने अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में किसी संस्था की रिपोर्ट को आधार बनाकर अगर निर्माण की अनुमति दी जाती है तो इसकी जवाबदेही भी तय होना चाहिए.

गौरतलब है कि फरवरी 2021 को रैणी एवं तपोवन विष्णुगाड़ परियोजना क्षेत्र में हुई तबाही जिसमें 204 लोगों की एनटीपीसी के टनल में मृत्यु हो गई थी. इसके बाद दायर इस जनहित याचिका में गत दिसंबर-जनवरी से जोशीमठ क्षेत्र में भू धसाव को लेकर भी विचार हो रहा है.
एनटीपीसी ने न्यायालय में परियोजना क्षेत्र में निर्माण और विस्फोट की अनुमति की मांग की है जिसके आधार पर यह कार्यवाही चल रही है. इस बीच याची की ओर से अधिवक्ता स्निग्धा तिवारी एवं अधिवक्ता अभिजय नेगी ने विस्तृत प्रत्यावेदन एनटीपीसी को भेजा. प्रत्यावेदन में मुख्य रूप से कहा गया कि हिमालयी क्षेत्र में परियोजनाओं के निर्माण व विस्फोट की अनुमति देने वाली संस्थाओं को परियोजना क्षेत्र में होने वाली किसी भी दुर्घटनाओं की आपराधिक एवं सिविल जिम्मेदारी लेने की व्यवस्था की जानी चाहिए.