विधानसभा में फिर उठा गोंदलपुरा खनन का मुद्दा: सदन में अंबा प्रसाद ने कही ये बात

झारखण्ड | झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन भी हजारीबाग जिले में अडाणी इंटरप्राइजेज लि. के गोंदलपुरा कोयला खनन का मामला उठा। अंबा प्रसाद इस परियोजना में जांच की मांग को लेकर अड़ी रहीं। संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम और विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो के हस्तक्षेप के बाद भी वह प्रस्ताव वापस नहीं लेना चाहती थीं। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आगे से जब भी इस इलाके में ग्रामसभा होगी तो उसमें अंबा प्रसाद मौजूद होंगी। उन्होंने कहा कि बगैर ग्रामसभा के जमीन अधिग्रहण शुरू किया गया है। सरकार अपनी रिपोर्ट में कह रही है कि ग्रामसभा हुआ है जबकि इन इलाकों में ग्रामसभा नहीं हुआ यह मैं दावे से कह सकती हूं।
विधायक जमीन अधिग्रहण की जांच को लेकर अड़ी रहीं
विधानसभा में सवाल उठाते हुए अंबा प्रसाद ने सरकार से पूछा गोन्दलपुरा समेत आसपास के कई गांव में अडाणी की परियोजना प्रस्तावित है। ग्रामीण आम सभा का विरोध कर रहे हैं। इसके बावजूद भी ग्रामीणों को सूचना दिए बगैर जमीन हस्तांतरित कर दी गयी है। अंबा प्रसाद ने कहा, इस इलाके में कई उन्नत फसलें होती हैं। यह क्षेत्र हाथियों का रास्ता भी है। ग्रामीणों के भारी विरोध के बाद भी बार- बार ग्रामसभा कराने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीणों ने पदयात्रा कर इसका विरोध किया था। एसआईए और ईआईए नहीं हुई फिर कैसे पता चला कि यह दो फसली है या चार फसली क्या किसानों से ज्यादा अधिकारी खेती के संबंध में जानते हैं। मैं इस मामले में जांच की मांग कर रही हूं। ग्रामसभा के बगैर टेबल वर्क हो रहा है कागज बनाया जा रहा है। अंबा लंबे समय तक जांच की मांग को लेकर अड़ी रही। कानून कहता है बहु फसली जमीन बचानी है, अगर जरूरी है तो जमीन उपलब्ध कराने के बाद ही काम होना चाहिए। मैं बस जांच चाहती हूं।
