आध्यात्मिक यात्रा पर निकले अभिनेता रजनीकांत, ऋषिकेश के दयानंद आश्रम में लोगों के साथ जीवन की अनसुनी कहानियां साझा कीं

उत्तराखंड | कई सुपरहिट फिल्मों में अपने अभिनय की छाप छोड़ने वाले अभिनेता रजनीकांत हिमालय की आध्यात्मिक यात्रा पर हैं। वह ऋषिकेष में स्वामी दयानंद आश्रम में एक सन्यासी के रूप में रह रहे थे। आश्रम में सुबह के सत्संग के दौरान करीब 40 मिनट तक रजनीकांत ने अपने जीवन की कई ऐसी बातें भक्तों से साझा कीं, जो अब तक सामने नहीं आई थीं.
रजनीकांत के मुताबिक, स्वामी दयानंद सरस्वती से उनकी पहली मुलाकात साल 1991 में हुई थी जब वह पूरी तरह से फिल्मी दुनिया में व्यस्त थे। इससे उनके जीवन की दिशा ही बदल गयी. इस मुलाकात में ब्रह्मलीन संत ने उन्हें बहुत प्रभावित किया।
रजनीकांत की फिल्म ‘जेलर’ गुरुवार को रिलीज हो गई है
सुपरस्टार रजनीकांत की बड़े बैनर की फिल्म ‘जेलर’ गुरुवार को रिलीज हो गई है। जब उनकी सुपरहिट फिल्म ‘रोबोट’ रिलीज हुई थी तब भी वह स्वामी दयानंद आश्रम पहुंचे थे। इस बार वह बुधवार को आश्रम पहुंचे थे। गुरुवार को केदारनाथ दर्शन के लिए जाना था, लेकिन मौसम ने साथ नहीं दिया। अब वह आज बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर हैं।
उनकी पत्नी की सलाह पर स्वामीजी का उपदेश सुना गया
रजनीकांत ने बताया कि साल 1991 में वह पूरी तरह से फिल्मी दुनिया में रम गए थे। उनका आध्यात्मिक जगत से कोई लेना-देना नहीं था। यह निश्चित है कि उनकी पत्नी लता स्वामीजी की अनुयायी थीं। उन्होंने ही उनसे एक बार स्वामीजी के प्रवचन में सम्मिलित होने का आग्रह किया था।
रजनीकांत ने बताया, ‘अपनी पत्नी के अनुरोध पर मैंने चेन्नई में स्वामी दयानंद सरस्वती को सुना। तब अनुयायियों की भारी भीड़ के बावजूद सत्संग हॉल में सन्नाटा था। सभी लोग ध्यान से स्वामीजी की बात सुन रहे थे, जिनमें मैं भी शामिल था। वेदांत, अध्यात्म, मानव सेवा और धर्म पर स्वामी जी के विचार सुनकर मैं बहुत प्रभावित हुआ। इसने मेरे जीवन की दिशा बदल दी।
