केसर की खेती से लाखों कमा रहा दरंग का युवा

पालमपुर। पालमपुर के घनेटा दरंग गांव में एक 23 वर्षीय युवा के समू ने असली केसर की खेती करके इलाके में नई मिसाल कायम की है। हिमाचल में केसर की खेती करने वाला 23 वर्षीय समू पहला शख्स बना है। हैरानी की बात यह है कि केसर की खेती मिट्टी में नहीं की गई है, बल्कि एक कमरे में टेंपरेचर मेंटेन करके की गई है। यह केसर पांच लाख रुपए किलो हाथों हाथ बिक रहा है। यह किसान आधा किलो केसर बेचकर अढ़ाई लाख रुपए कमा चुका है। एरोकोनिक तकनीक के तहत केसर की खेती का हिमाचल में यह पहला उदाहरण पेश किया गया है। समू ने बताया कि बचपन से ही कुछ अलग हटकर करने के शौक ने उसे केसर की खेती के लिए आकर्षित किया।

बाकायदा केसर की खेती की ट्रेनिंग लेकर उन्होंने अपने पैतृक गांव घनेटा में एक यूनिट स्थापित कर दिया है, जहां केसर की काफी अधिक मात्रा में पैदावार की जा रही है। मोगरा किस्म का यह केसर अधिकतर कश्मीर में उगाया जाता है। समू का कहना है कि उनके द्वारा असली केसर उगाया जा रहा है, जिसमें कीटनाशक दवाइयां का छिडक़ाव नहीं है। इनका दावा है कि यह बेस्ट क्वालिटी का ऑर्गेनिक केसर है। इस शुद्ध केसर की कई प्रकार की दवाइयां बनती हैं, जबकि चर्म रोग तथा आंखों के की रोशनी के लिए यह ऑर्गेनिक केसर काफी लाभकारी होता है। लगभग तीन महीने के अंतराल में केसर की खेती फसल देना शुरू कर देता है। समू ने प्रदेश सरकार से भी गुहार लगाई है कि केसर की खेती को बढ़ावा देकर किसानों की आर्थिकी को मजबूत किया जाए। केसर के विपणन की सुविधा किसानों को उपलब्ध कराई जाए।