धोखाधड़ी मामले में वर्षों से फरार चल रहे आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ा

बूंदी। बूंदी टावर लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप में 11 साल से फरार चल रहे 8000 के इनामी अभियुक्त मनीष को पुलिस ने अलवर से गिरफ्तार किया। सीआई दिग्विजय सिंह के अनुसार आरोपी ठिकाने बदलकर जगह-जगह फरारी काट रहा था। एसपी जय यादव के निर्देश पर चलाए जा रहे अभियान के तहत पुलिस की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया। एक अन्य मामले में 15 साल से फरार चल रहे अलवर निवासी हारून खान को पुलिस ने गिरफ्तार किया। सीआई के अनुसार विभिन्न अदालतों से फरार चल रहे वारंटियों की धरपकड़ के लिए विशेष टीमों का गठन कर गिरफ्तार किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पुलिस ने नकबजनी की वारदात करने वाले आरोपियों को दबोचा है। सोमवार को चोरी के 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इन आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 9 ग्राम सोना, 290 ग्राम चांदी के साथ एक कार, चोरी के उपकरण भी जब्त किए हैं। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। थानाधिकारी महेश कुमार ने बताया कि एसपी जय यादव के निर्देश पर कार्रवाई की जा रही है। महावीरप्रसाद शर्मा निवासी तेली मोहल्ला लाखेरी ने रिपोर्ट दी थी कि वह और उसका परिवार कोटा गए थे। 2 जुलाई को पड़ोसी ने फोन कर बताया कि आपके मकान के ताले टूटे हुए हैं।
चोर घर से सोने का एक जोड़ा टॉप्स, एक अंगूठी सोने की, लोंग, सोने की लड़ी एक, सोने का टिकला, चांदी की पायजेब 2, बिछुड़ियां 3, चांदी के सिक्के, चांदी की मूर्ति व 9000 नकद चुराकर ले गए।इसके बाद पुलिस ने टीम बनाकर आरोपियों को दबोचने की प्लानिंग की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामकुमार कस्वा, डीएसपी नतिशा जाखड़ के निर्देशन में पुलिस टीम ने जांच शुरू की। पुलिस टीम में सीआई महेश कुमार के साथ हैड कांस्टेबल अप्पूलाल, कांस्टेबल पूरणचंद, रविंद्र, रमेशचंद, महावीर शामिल थे। पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज निकाले। गश्त के दौरान दीपू पुत्र रमेश निवासी बजरंगनगर कोटा को डिटेन किया। पूछताछ में उसने सुनील, रोहित उर्फ सीताराम, सागर के साथ मिलकर लाखेरी में चोरी व नकबजनी की वारदात करना कबूल किया।
