लखीसराय नगर परिषद में जैविक खाद बनना शुरू

बिहार: कहते हैं कोशिश करो तो नामुमकिन कुछ भी नहीं है. इसी सोच के साथ नगर परिषद लखीसराय ने अपने स्तर पर शहर से निकलने वाले कचड़े से जैविक खाद बनाने की एक नई शुरुआत की है. घर से निकलने वाले कूड़े को सड़क पर फेंकने के बजाय उससे जैविक खाद बनाना शुरू कर दिया है. जिससे शहर भी स्वच्छ हो रहा है और पर्यावरण को दूषित होने से भी बचाया जा रहा है.
नगर परिषद जैविक खाद को 6 रूपए प्रति किलो कि हिसाब से बिक्री भी कर रहा है. नगर परिषद के प्रयास से सॉलि़ड वेस्ट का सही तरीके से निष्पादन करने के लिए घरेलू कचरे से 5- 5 टन का एरोबिक कंपोस्ट पिट तैयार किया गया है. वहीं गीले कचरे से खाद बनाया जा रहा है. लखीसराय नगर परिषद क्षेत्र से प्रतिदिन निकलने वाले 4 से 5 टन कचरे का निस्तारण कर शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने का प्रयास है.
नगर परिषद के सौजन्य से जैविक खाद तैयार करने वाली महिला संगीता देवी ने बताया कि नगर परिषद के वार्ड नंबर- 17 पंजाबी मोहल्ला में कूड़ा फेंकने की जगह को सबसे पहले तैयार किया गया है. इसे साफ-सुथरा करके यहां दो कंपोस्ट पिट बनाया गया है. इस पिट में गीला कूड़ा ही डाला जाता है.
इसे निर्धारित विधि के अनुसार पिट को कवर कर दिया जाता है. इसके बाद हरी सब्जियों के छिलके को गलाकर उससे जैविक खाद तैयार किया जाता है. यह जैविक खाद 90 से 120 दिनों में तैयार हो जाता है. जिसे किसान अपने फसल में डालने के लिए 6 रूपए प्रति किलो खरीदकर ले जाते हैं.
तीन प्रकार का कूड़ा होता है प्राप्त
संगीता देवी ने बताया कि घरों से निकलने वाला कूड़ा तीन प्रकार का होता है. गीले कूड़े में बचा खाना, फल और सब्जियों के छिलके, अंडों के छिलके वगैरह शामिल है. वहीं सूखे कूड़े में गत्ता, कागज, पॉलीथिन, प्लास्टिक आता है. सभी को अलग कर सिर्फ सब्जियों और नारियल के छिलके से जैविक खाद तैयार किया जाता है. जिसको खरीदकर किसान लाभान्वित हो रहे हैं और उनकी फसल भी अच्छी हो रही है. नगर परिषद की और से 7 महिलाओं को रोजगार भी दिया जा रहा है. साथ हीं नगर परिषद को राजस्व की भी प्राप्ति हो रही है.
