आम बात है गर्मी के दिनों में लू लगना, नानी-दादी के इन नुस्खों से पाए आराम

देश के कई राज्यों में गरम हवाओं की दस्तक हो चुकी है। इसके साथ ही बीमारियों का खतरा भी बढ़ने लगता है। विश्वविद्यालय स्तर पर परीक्षाओं का दौर जारी है। ऐसे में कॉलेज, ऑफिस और घर-बाहर के कई जरूरी और गैर जरूरी कामों को निपटाने के लिए घर से बाहर तो जाना ही पड़ता है। दूध, फल, सब्जी और घर के कई काम को करने के लिए शाम या सुबह जल्दी जाया जा सकता है लेकिन स्कूल-कॉलेज और ऑफिस के लिए तो सुबह 9 बजे बाद ही निकलना पड़ेगा। वहीं कई लोगों की डे और ऑफ्टरनून शिफ्ट भी होती है। गर्मियों का मौसम ऐसा है जिसमें सबसे अधिक बीमारियों का खतरा रहता है और जो बीमारी सबसे अधिक और जल्दी लोगों को अपनी चपेट में लेती है वो है लू। लू एक ऐसी बीमारी है जो लोगों की जान भी ले सकती है। आज हम अपने पाठकों को कुछ ऐसे आसान घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं जिनके जरिये लू से आसानी से बचा जा सकता है—
प्याज जरूर खाएं
गर्मियों में खासकर लू के समय प्याज जरूर खाना चाहिए। प्याज को सलाद के रूप में खाएं। हो सके तो एक बहुत छोटी सी प्याज को अपनी जेब में रखें। प्याज आपको लू से बचाता है। लू लग जाने पर प्याज रामबाण इलाज करता है। लू वाले व्यक्ति को प्याज का रस हथेलियों और पैरों के तलों पर लगा देने से लू का असर कम होता है।
धनिए का पानी पीयें
धनिए को पानी में भिगोकर कुछ देर रखें फिर उसे अच्छी तरह पीसकर छानकर थोड़ी चीनी मिलाकर पीने से लू नहीं लगती है।
पानी की बोतल
लू और गर्मी से बचना है तो खुद को हाइड्रेटेड रखें। घर से खूब सारा पानी पीकर निकलें और रास्ते के लिए ठंडी पानी की बोतल रख लें। हर 30 मिनट के अन्तराल में थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें।
तरल पदार्थों का सेवन
गर्मियों में लू से बचने का सबसे अच्छा उपाय है तरल पदार्थों का सेवन। गर्मियों में अधिक से अधिक पेय पदार्थ पीने चाहिये। इसके अतिरिक्त ज्यादा पानी की मात्रा वाले फल जैसे तरबूत, खरबूजा, ककड़ी, खीरा आदि का सेवन करना चाहए। इससे लू का खतरा कम होता है। ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। जिससे पसीना आकर शरीर का तापमान नियमित निर्धारित हो सके तथा शरीर में जल की कमी न हो सके। अधिक गर्मी में मौसमी फल, फल का रस, दही, मठ्ठा, जीरा छाछ, जलजीरा, लस्सी, आम का पन्ना पिएं या आम की चटनी खाएं।
छाता साथ लेकर जाएं धूप से बचें
लू लगने की वजह है धूप और निवारण है धूप से बचाव। आवश्यक काम होने पर ही धूप में घर से बाहर निकलें। धूप में निकलने से बचे यदि निकले तो सावधानी रखें। धूप में निकलने से पहले पूरे अंगों को अच्छे से ढक कर निकले। खुले शरीर धूप में न निकलें। अगर निकलना ही पड़े तो धूप में निकलने पर सिर अवश्य ढंके। आंखों पर सनग्लासेस लगाएं और हो सके तो सफेद या हल्के रंग के कॉटन के कपड़े ही पहनें। गर्मियों में सुबह आठ बजे ही तेज धूप हो जाती है, ऐसे में हीटस्ट्रोक का खतरा रहता है। अगर आप खुद की कार से नहीं जा रहे हैं तो छाते का प्रयोग करें। जहां जरूरत हो छाता खोल लें।
खाली पेट बाहर नहीं जाएं
लू से बचने के लिए कभी भी खाली पेट घर से बाहर नहीं जाएं। कुछ हल्का खाकर और तरल पदार्थ पीकर ही घर से निकले। हो सके तो खाने के साथ छाछ भी पीकर निकलें। छाछ शरीर को ठंडक प्रदान करती है।
आम पन्ना
आम पन्ना गर्मियों का बेहद लोकप्रिय ड्रिंक है। इसे घर में भी तैयार किया जा सकता है। कच्चे आम को उबालकर, उसका गुद्दा निकालकर उसे शक्कर, पोदीने के पत्तों के साथ पीसकर तैयार कर लें। फिर इसमें ऊपर से भुना हुआ जीरा पाउडर मिलाकर फ्रीज में ठंडा कर पिया जाता है। यह टेस्टी होने के साथ आपको लू से भी बचाता है।
ठंडे स्थान से गर्म स्थान पर न जाएं
अचानक ठंडी जगह से एकदम गर्म जगह ना जाएं। खासकर एसी में बैठे रहने के बाद तुरंत धूप में ना निकलें। एसी की हवा खाने के बाद यदि धूप में निकलना पड़ता है तो कुछ देर ऐसे स्थान पर रुकें जहाँ धूप न हो, उसके बाद धूप में निकलें।
सुराही के पानी का सेवन करें
प्यास बुझाने के लिए नींबू के रस में मिट्टी के घड़े अथवा सुराही के पानी का सेवन करवाना चाहिए। बर्फ का पानी नहीं पिलाना चाहिए क्योंकि इससे लाभ के बजाए हानि हो सकती है।
जौ के आटे का लेप करें
जौ का आटा व पिसा हुआ प्याज मिलाकर शरीर पर लेप करें तो लू से तुरंत राहत मिलती है। जब रोगी को बाहर ले जाएं, तो उसके कानों में गुलाब जल मिलाकर रूई के फाहे लगाएं। रोगी की नाभि पर खड़ा नमक रखकर उस पर धार बांध कर पानी गिराएं। सारी गर्मी झड़ जाएगी।
मरीज के तलवे पर कच्ची लौकी घिसें, इससे सारी गर्मी लौकी खींच लेगी और तुरंत राहत मिलेगी। लौकी कुम्हला जाए तो समझें कि लू की गर्मी उतर रही है। यह क्रिया बार-बार दोहराएं।
तत्काल डॉक्टर से सम्पर्क करें
लू लगने पर तत्काल योग्य डॉक्टर को दिखाना चाहिए। डॉक्टर को दिखाने के पूर्व कुछ प्राथमिक उपचार करने पर भी लू के रोगी को राहत महसूस होने लगती है। बुखार तेज होने पर रोगी को ठंडी खुली हवा में आराम करवाना चाहिए। 104 डिग्री से अधिक बुखार होने पर बर्फ की पट्टी सिर पर रखना चाहिए। रोगी को तुरंत प्याज का रस शहद में मिलाकर देना चाहिए। रोगी के शरीर को दिन में चार-पांच बार गीले तौलिए से पोंछना चाहिए। चाय-कॉफी आदि गर्म पेय का सेवन अत्यंत कम कर देना चाहिए।


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