हैदराबाद में ‘न�?माइश’ की रंगारंग श�?र�?आत

हैदराबाद (आई�?�?न�?स)| हैदराबाद के लोकप�?रिय वार�?षिक व�?यापार मेले ‘न�?माइश’ की न�? साल के दिन रविवार को रंगारंग श�?र�?आत ह�?ई। अखिल भारतीय औद�?योगिक प�?रदर�?शनी के 82वें संस�?करण, जिसे न�?माइश के नाम से जाना जाता है, का उद�?घाटन तेलंगाना के मंत�?रियों हरीश राव, मोहम�?मद महमूद अली, टी. श�?रीनिवास यादव और वेम�?ला प�?रशांत रेड�?डी ने किया।
बाद में वह द�?निया के सबसे प�?राने वार�?षिक उपभोक�?ता प�?रदर�?शनियों में से �?क में स�?थापित स�?टालों को देखने के लि�? टॉय ट�?रेन से विशाल न�?माइश मैदान में ग�?। वार�?षिक 45-दिवसीय प�?रदर�?शनी के लि�? शहर के बीचोबीच नामपल�?ली के विशाल न�?माइश मैदान में 2,400 स�?टॉल लगा�? ग�? हैं। प�?रतिदिन दोपहर 3.30 बजे से रात�?रि 10.30 बजे तक प�?रदर�?शनी ख�?ली रहेगी।
अखिल भारतीय औद�?योगिक प�?रदर�?शनी सोसाइटी (�?आईआईई�?स) ने देश के विभिन�?न हिस�?सों के व�?यापारियों और विभिन�?न व�?यापारिक संगठनों को मेले में अपने उत�?पाद बेचने के लि�? स�?टॉल आवंटित कि�? हैं। आयोजकों ने इस साल प�?रवेश श�?ल�?क 30 र�?पये प�?रति व�?यक�?ति से बढ़ाकर 40 र�?पये कर दिया है। उन�?होंने कहा कि पूरे मैदान में म�?फ�?त वाई-फाई उपलब�?ध कराया जा�?गा। समाज ने संचार और व�?यावसायिक गतिविधि की स�?विधा प�?रदान करने के लि�? बी�?स�?न�?ल के साथ करार किया है।
उद�?घाटन समारोह को संबोधित करते ह�?�? वित�?तमंत�?री और �?आईआईई�?स के अध�?यक�?ष टी. हरीश राव ने कहा कि इस डिजिटल य�?ग में उत�?पादों को मोबाइल फोन के क�?लिक पर ऑनलाइन खरीदा जा सकता है, लेकिन �?से खरीदार माहौल, सामाजिक संपर�?क, विभिन�?न संस�?कृतियों और विभिन�?न प�?रकार की खाद�?य आदतों को याद करते हैं जो न�?माइश प�?रदान करता है।
उन�?होंने याद किया कि न�?माइश की श�?र�?आत 1938 में ह�?ई थी और इसे द�?निया के सबसे प�?राने और सबसे बड़े व�?यापार मेलों में से �?क के रूप में जाना जाता है।
हरीश राव ने बताया कि वार�?षिक कार�?यक�?रम आयोजित करने वाली �?आईआईई�?स 19 शैक�?षणिक संस�?थान चला रही है, जो 30,000 छात�?रों को ग�?णवत�?तापूर�?ण शिक�?षा प�?रदान कर रही है। महिलाओं को सशक�?त बनाने के लि�? समाज शिक�?षण संस�?थान भी चला रहा है।
उन�?होंने कहा कि सोसायटी हर साल 10,000 लोगों को प�?रत�?यक�?ष और अप�?रत�?यक�?ष रोजगार प�?रदान कर रही है और हैदराबाद की ब�?रांड छवि को बढ़ाने में महत�?वपूर�?ण भूमिका निभा रही है।
न�?माइश-�?-मसन�?आत-�?-म�?ल�?की, या संक�?षेप में न�?माइश, ने 1938 में स�?थानीय रूप से उत�?पादित वस�?त�?ओं को बढ़ावा देने के लि�? इसकी श�?र�?आत की। यह उस�?मानिया विश�?वविद�?यालय के स�?नातकों का �?क समूह था, जो राज�?य का आर�?थिक सर�?वेक�?षण करने के लि�? प�?रदर�?शनी का विचार लेकर आया था। हैदराबाद राज�?य के सातवें निजाम मीर उस�?मान अली खान ने पहले ‘न�?माइश’ का उद�?घाटन किया था।
अच�?छी प�?रतिक�?रिया से उत�?साहित होकर इसे �?क वार�?षिक कार�?यक�?रम बनाने और शिक�?षा को बढ़ावा देने के उपयोग करने का निर�?णय लिया गया। महज 50 स�?टॉलों और 2.50 र�?पये की पूंजी से श�?रू ह�?आ यह आज देश की सबसे बड़ी औद�?योगिक प�?रदर�?शनियों में से �?क बन गया है। भारत की आजादी के बाद की उथल-प�?थल के कारण 1947 और 1948 में न�?माइश का आयोजन नहीं किया जा सका। हैदराबाद के भारतीय संघ में शामिल होने के साथ यह 1949 में फिर से श�?रू हो गया।
कोविड-19 स�?थिति के कारण 2020 में प�?रदर�?शनी आयोजित नहीं की जा सकी। यह अपने इतिहास में केवल तीसरी बार था, जब इसे आयोजित नहीं किया जा सका। पिछले साल, कोविड-19 के प�?रसार की जांच के लि�? सरकार द�?वारा लगा�? ग�? प�?रतिबंधों के मद�?देनजर राज�?य के राज�?यपाल द�?वारा उद�?घाटन के �?क दिन बाद न�?माइश को निलंबित कर दिया गया था। बाद में इसका आयोजन 25 फरवरी से किया गया।
प�?रदर�?शनी के दौरान देश के विभिन�?न हिस�?सों के व�?यापारियों ने अपने स�?टॉल लगा�?, जिन�?हें प�?रतिदिन 45,000 लोग देखने आते हैं। 2019 में 20 लाख से अधिक दर�?शकों ने प�?रदर�?शनी का दौरा किया था।
