एक ही मोबाइल नंबर पर हुआ आयुष्मान भारत योजना में लाखों लोगों का रजिस्ट्रेशन

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी CAG की एक रिपोर्ट में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। बताया गया है कि इस योजना के करीब 7.5 लाख लाभार्थी एक ही मोबाइल नंबर पर रजिस्टर्ड हैं. इस मोबाइल नंबर के सभी 10 अंक 9 (9999999999) हैं। CAG ने लोकसभा में पेश आयुष्मान भारत योजना के ऑडिट पर अपनी रिपोर्ट में यह चौंकाने वाली जानकारी दी है.
गलत मोबाइल नंबर से रजिस्टर किया गया
खास बात यह है कि जिस मोबाइल नंबर से करीब 7.5 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, वह नंबर भी गलत था, यानी उस नंबर का कोई सिम कार्ड ही नहीं है. BIS डेटाबेस के विश्लेषण से इतनी बड़ी संख्या में फर्जी रजिस्ट्रेशन का खुलासा हुआ. रिपोर्ट में ऐसा ही एक और मामला सामने आया है, जिसमें बताया गया है कि दूसरे नंबर 8888888888 से करीब 1 लाख 39 हजार 300 लोग जुड़े हुए हैं, जबकि 90000000 से 96,046 अन्य लोग जुड़े हुए हैं. इसके अलावा 20 ऐसे नंबर भी सामने आए हैं, जिनसे 10,000 से 50,000 लाभार्थी जुड़े हुए हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट है कि CAG ने कुल 7.87 करोड़ लाभार्थियों की रिपोर्ट दी है, जो 10.74 करोड़ (नवंबर 2022) के लक्षित परिवारों का 73% है। इसके बाद सरकार ने इसका दायरा बढ़ाकर 12 करोड़ कर दिया.
फ़ोन नंबर के बिना इलाज कराने में कठिनाई
रिपोर्ट में कहा गया है कि डेटाबेस में किसी भी लाभार्थी से संबंधित रिकॉर्ड खोजने के लिए मोबाइल नंबर बहुत महत्वपूर्ण है। इसकी मदद से कोई भी बिना आईडी कार्ड के रजिस्ट्रेशन डेस्क पर जा सकता है। यदि मोबाइल नंबर ही गलत है तो ई-कार्ड खो जाने की स्थिति में लाभार्थी की पहचान करना मुश्किल हो सकता है। यानी इसके बाद लाभार्थी को योजना का लाभ मिलना लगभग असंभव हो जाएगा. अस्पताल उन्हें सुविधाएं देने से इनकार कर देंगे और लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
क्या नया सिस्टम बग ठीक कर देगा ?
सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ऑडिट के लिए सहमत हो गया और कहा कि इस मुद्दे को बीआईएस 2.0 के साथ हल किया जाएगा। बीआईएस 2.0 प्रणाली को इस तरह से कॉन्फ़िगर किया गया है कि एक ही मोबाइल नंबर के तहत एक निश्चित संख्या से अधिक घरों को पंजीकृत नहीं किया जा सकता है। इससे कोई भी नंबर डालकर रजिस्ट्रेशन करने की प्रथा बंद हो जाएगी.
ये हैं मोबाइल नंबर से जुड़े प्रावधान
रिपोर्ट के मुताबिक, लाभार्थी दिशानिर्देशों में कहा गया है कि किसी व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने से लेकर छुट्टी मिलने तक उसके मोबाइल नंबर के जरिए संपर्क किया जाना चाहिए। दिशानिर्देशों के तहत यह भी प्रावधान है कि लाभार्थी को उसकी पात्रता की जांच करने के लिए कार्ड बनाते समय दिए गए नंबर पर एक संदेश भेजकर सूचित किया जाएगा। बीआईएस डेटाबेस का विश्लेषण करने पर पता चला कि एक ही नंबर पर हजारों नाम दर्ज हैं, जबकि ज्यादातर नंबर सेल्फ-मॉलेज्ड हैं, यानी उन नंबरों के लिए कोई सिम कार्ड नहीं है।


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