शहर की सफाई चौपट, घरों से कूड़ा उठना भी बंद

उत्तरप्रदेश | नगर निगम में अफसरों की इतनी लम्बी-चौड़ी फौज पहले कभी नहीं रही. फिर भी कूड़ा उठान और सफाई व्यवस्था ध्वस्त है. मुख्यमंत्री ने शहर की सफाई व्यवस्था की बदहाली खुद देखी. उनकी नाराजगी के बाद अफसरों ने दिखावे के लिए नीचे के कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया लेकिन बड़े अफसरों से कोई जवाब तलब नहीं किया.
ईकोग्रीन के जाने के बाद अब नगर निगम खुद सफाई व्यवस्था देख रहा है. इस समय चार अपर नगर आयुक्त हैं. इन पर नगर निगम के सभी आठ जोनों की जिम्मेदारी है. तीन पीसीएस अधिकारी अलग से हैं. इसके बावजूद शहर बदहाल है. इलाकों में कूड़े के ढेर लगे हैं. जिस जोन सात में सीएम गए थे, वहां की स्थिति भी बहुत खराब है. इस्माइलगंज प्रथम व द्वितीय वार्ड में ही कई जगह कूड़े का ढेर दिखा. सुषमा अस्पताल के पास भी कचरे का ढेर मिला. जोन दो ऐशबाग की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, क्योंकि यहां न डोर टू डोर कलेक्शन हो पा रहा है और न पड़ाव स्थलों से कचरा उठ रहा है. यहां राजाजीपुरम ई-ब्लॉक के पास ही कचरे का ढेर है. जोन पांच आलमबाग के आजादनगर, गीतापल्ली, पवनपुरी तथा सुजानपुरा, भिलावां, ओमनगर तथा चन्दरनगर की भी सफाई व्यवस्था ध्वस्त है. एलडीए कॉलोनी कानपुर रोड व आशियाना क्षेत्र में घर-घर कूड़ा उठान बंद है. यही हाल चौक ठाकुरगंज का भी है. नगर निगम मुख्यालय से 200 मीटर दूर विधायक निवास पांच व छह के बाहर भीषण गंदगी है. खुद जोनल अधिकारी दिव्यांशु पाण्डेय ने तीन दिन पहले निरीक्षण किया तो नालियां बजबजाती मिलीं. हजरतगंज क्षेत्र के जोनल सेनेटरी अफसर ने लाल कुआं, एपी सेन रोड, बांसमंडी चौराहा, चारबाग आईटीआई के आसपास का निरीक्षण किया. यहां भी जगह-जगह कूड़े का ढेर मिला. नालियां चौक हैं.
