घाना में गांधी के विचार प्रासंगिक: स्पीकर


झारखण्ड |� झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो 66वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की बैठक में भाग लेने के लिए घाना की राजधानी अकरा में छह दिवसीय दौरे पर हैं. उन्होंने भारत-घाना कोफी अन्नान सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र पर अवस्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
स्पीकर ने अकरा में स्थानीय प्रेस से बातचीत में कहा कि भारत और घाना दोंनो ही विश्व में लोकतंत्र के ध्वजवाहक हैं. एक ओर भारत महात्मा गांधी के विचारों की अलख पूरी दुनिया में जला रहा है, वहीं दूसरी ओर क्वामे न्क्रुमा द्वारा स्थापित लोकतंत्र को घाना के चौथे गणराज्य में मजबूती से आगे बढ़ा रहा है. यद्यपि कुछ समय के लिए सैन्य शासन द्वारा घाना में शासन किया गया था, पर 30 वर्षों से अनवरत यहां लोकतंत्र कायम है. भारत लगातार 75 वर्षों से लोकतंत्र के रूप में कायम है और विश्व के सबसे बड़े जनसमुदाय के रूप में विविधता के साथ विकास के पथ पर अग्रसर है. अध्यक्ष रबींद्र महतो ने विश्व में शांति और भाईचारे को बढ़ाने में संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान के योगदानों की भी चर्चा की. कहा कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ विश्व का सबसे पुराना और सबसे बड़ा संसदीय राष्ट्रों का गठबंधन है.
पूरे विश्व में संसदीय व्यवस्था को और कारगर और लोक हितकारी बनाने में इसका महत्वपूर्ण योगदान है. अध्यक्ष छह दिनों के इस सम्मेलन में तीन विषयों पर अपने वक्तव्य विश्व पटल पर रखेंगे. पहला- ऊर्जा संकट और पर्यावरण संरक्षण है, दूसरा- संसद में महिला आरक्षण का महिला सशक्तिकरण में योगदान और तीसरा- ई-संसद के माध्यम से संसदीय प्रक्रिया को और कारगर बनाया जाना है.

झारखण्ड |� झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो 66वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की बैठक में भाग लेने के लिए घाना की राजधानी अकरा में छह दिवसीय दौरे पर हैं. उन्होंने भारत-घाना कोफी अन्नान सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र पर अवस्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
स्पीकर ने अकरा में स्थानीय प्रेस से बातचीत में कहा कि भारत और घाना दोंनो ही विश्व में लोकतंत्र के ध्वजवाहक हैं. एक ओर भारत महात्मा गांधी के विचारों की अलख पूरी दुनिया में जला रहा है, वहीं दूसरी ओर क्वामे न्क्रुमा द्वारा स्थापित लोकतंत्र को घाना के चौथे गणराज्य में मजबूती से आगे बढ़ा रहा है. यद्यपि कुछ समय के लिए सैन्य शासन द्वारा घाना में शासन किया गया था, पर 30 वर्षों से अनवरत यहां लोकतंत्र कायम है. भारत लगातार 75 वर्षों से लोकतंत्र के रूप में कायम है और विश्व के सबसे बड़े जनसमुदाय के रूप में विविधता के साथ विकास के पथ पर अग्रसर है. अध्यक्ष रबींद्र महतो ने विश्व में शांति और भाईचारे को बढ़ाने में संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान के योगदानों की भी चर्चा की. कहा कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ विश्व का सबसे पुराना और सबसे बड़ा संसदीय राष्ट्रों का गठबंधन है.
पूरे विश्व में संसदीय व्यवस्था को और कारगर और लोक हितकारी बनाने में इसका महत्वपूर्ण योगदान है. अध्यक्ष छह दिनों के इस सम्मेलन में तीन विषयों पर अपने वक्तव्य विश्व पटल पर रखेंगे. पहला- ऊर्जा संकट और पर्यावरण संरक्षण है, दूसरा- संसद में महिला आरक्षण का महिला सशक्तिकरण में योगदान और तीसरा- ई-संसद के माध्यम से संसदीय प्रक्रिया को और कारगर बनाया जाना है.
