आज अविश्वास प्रस्ताव पर होगी चर्चा, 138 दिन बाद लोकसभा में बोलेंगे राहुल गांधी

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार मंगलवार को संसद में अपने खिलाफ दूसरे अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेगी. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला अविश्वास प्रस्ताव है. लेकिन इस दौरान सभी की नजरें कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर होंगी जो मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली चर्चा में हिस्सा लेंगे.
यह देखना दिलचस्प होगा कि राहुल गांधी मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में क्या कहते हैं. वह हिंसाग्रस्त राज्य का जुलाई में दौरा कर चुके हैं. केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ 2018 में पहला अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने अचानक ही पीएम मोदी के पास जाकर उन्हें गले लगा दिया था. इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया को देखकर आंख मारने का वाकया भी हुआ था, जिन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी थीं.
राहुल गांधी के 2019 के उनके एक बयान की वजह से उनकी संसद सदस्यता चार महीने पहले 24 मार्च को रद्द कर दी गई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की ओर से सजा पर रोक लगाए जाने के बाद सोमवार को उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई.
राहुल गांधी की सदस्यता 24 मार्च को निरस्त कर दी गई थी. उन्हें सूरत कोर्ट ने ‘मोदी सरनेम’ मामले में मानहानि का दोषी करार दिया था. इसमें उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई थी. कानूनन दो साल या उससे ज्यादा की सजा होने पर जनप्रतिनिधि की सदस्यता रद्द हो जाती है.
राहुल गांधी 2019 में केरल की वायनाड सीट से लोकसभा सांसद चुने गए थे. राहुल ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक में एक रैली में मोदी सरनेम पर विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था, ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?’ इसी मामले पर इसी साल 23 मार्च को उन्हें मानहानि का दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी. अब 137 दिन बाद राहुल दोबारा संसद में लौटे हैं.
मणिपुर पर जारी संग्राम के बीच 26 जुलाई को कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. विपक्ष मणिपुर हिंसा पर लगातार पीएम मोदी के बयान के साथ विस्तृत चर्चा की मांग कर रहा है. दरअसल विपक्ष चाहता है कि प्रधानमंत्री मणिपुर मामले में संसद को संबोधित करें. लोकसभा बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तीन दिनों का समय दिया है. पीएम मोदी 10 अगस्त को इस प्रस्ताव का जवाब देंगे.
20 जुलाई 2018 को संसद में पीएम मोदी को पहले अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा था. आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने से नाराज बीजेपी की सहयोगी पार्टी तेलुगू देसम पार्टी एनडीए से अलग हो गई थी. इसके बाद मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था.
लेकिन इस प्रस्ताव पर 12 घंटे की चर्चा के बाद मोदी सरकार ने 199 वोटों से अविश्वास प्रस्ताव को हरा दिया था. इस दौरान बीजेपी की अगुवाई में एनडीए गठबंधन को 325 वोट मिले थे जबकि इस प्रस्ताव के पक्ष में विपक्ष को सिर्फ 126 वोट ही मिले थे.
अब 2023 में मोदी सरकार एक बार फिर अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार हैं. लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा दोपहर 12 बजे शुरू होगी और शाम सात बजे तक जारी रहेगी. 10 अगस्त तक चर्चा तय समय के हिसाब से होगी. 10 अगस्त को ही चर्चा के आखिरी दिन पीएम मोदी शाम चार बजे अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देंगे. सूत्रों के मुताबिक, नौ अगस्त को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस चर्चा में हस्तक्षेप कर सकते हैं.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी मंगलवार को संसद में मोदी सरकार के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली चर्चा में हिस्सा लेंगे. वह दोपहर लगभग 12 बजे लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलेंगे.
राहुल ने जुलाई में मणिपुर के हिंसा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया था. वह राजधानी इंफाल से लेकर चूराचंद्रपुर जिला तक गए थे और वहां तीन मई को हुई हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात की थी.
बता दें कि इससे पहले 2018 में मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी. इस चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने अचानक ही पीएम मोदी को जाकर गले लगा लिया था.


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