फ्लैट खरीदारों ने रजिस्ट्री के लिए फिर मुहिम छेड़ी, परेशान होकर सोशल मीडिया पर आवाज बुलंद की


उत्तरप्रदेश | फ्लैटों की रजिस्ट्री न होने से परेशान लाखों लोगों का आंदोलन अब बैंक और नेताओं की नींद उड़ाने जा रहा है. लोकसभा चुनाव से पहले जहां सोसाइटी के बाहर रजिस्ट्री नहीं तो वोट नहीं के बैनर टंगने शुरू हो गए हैं. वहीं, सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये गुहार लगाई जा रही है कि फ्लैट खरीदार बैंकों को ईएमआई देना बंद करें ताकि सरकार और बैंकों दोनों पर दबाव बनाया जा सके.
सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे अभियान में कहा जा रहा है कि जब तक कम से कम 50 हजार लोग बैंकों को ईएमआई देना बंद नहीं करेंगे तब तक घर मिलने से रहा. इन संदेशों में कहा जा रहा है कि यूनिटेक के प्रोजेक्टों में 20 हजार से अधिक, आम्रपाली में 40 हजार से अधिक, सुपरटेक में 30 हजार से अधिक और जेपी में 25 हजार से अधिक फ्लैट खरीदार हैं, जो ईएमआई दे रहे हैं. इसके अलावा एक हजार से अधिक जिले भर में ऐसे छोटे प्रोजेक्ट हैं, जिनमें ईएमआई देने वालों की संख्या 500 से लेकर पांच हजार तक है. इन सभी लोगों से अपील है कि वह बैंकों को दी जाने वाली ईएमआई बंद करें. जब उन्हें अपना घर ही नहीं मिला तो वह ईएमआई किसके लिए दें. जिले में विभिन्न प्रोजेक्टों में फ्लैट बुक कराने वाले खरीदार मनीष गुप्ता, निखिल, आनन्द मिश्रा, ज्योति सिंह, कामना अग्रवाल, मोहित विश्वकर्मा आदि का कहना है कि वह बिना फ्लैट के ही सालों से ईएमआई दे रहे हैं, जबकि यह फ्लैट उन्हें पांच से आठ साल पहले मिल जाने चाहिए थे.
रजिस्ट्री कराएं तभी सोसाइटी में वोट मांगने आएं जिले की विभिन्न सोसाइटी में लोगों ने बैनर लगाने शुरू कर दिए हैं कि बिल्डरों से हमारा हक दिलाएं और फ्लैटों की रजिस्ट्री कराएं, तभी सोसाइटी में वोट मांगने आएं. सेक्टर-120 स्थित आरजी रेजीडेंसी में एक दिन पूर्व ही फ्लैट खरीदारों ने प्रदर्शन कर इस तरह के बैनर लगाए हैं. जबकि, ग्रेटर नोएडा वेस्ट औऱ सेवन एक्स सोसाइटी के लोग पहले ही इस तरह की घोषणा कर चुके हैं कि उनके प्रोजेक्टों में रजिस्ट्री कराएं तभी वोट मांगने आएं.
एक सप्ताह पहले मुख्य सचिव ने ली जानकारी फ्लैट खरीदारों की मदद के लिए तैयार की जाने वाली अमितांभ कांत समिति की रिपोर्ट के संबंध में एक सप्ताह पहले मुख्य सचिव ने जानकारी ली. नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना तीनों प्राधिकरणों के अधिकारी इस बैठक में मौजूद रहे थे. प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि शासन स्तर से मंजूरी के बाद ही प्राधिकरण में इस रिपोर्ट को लागू किया जाएगा. अगर सिफारिशों पर अमल हुआ तो करीब 1.67 लाख फ्लैट खरीदारों को राहत मिलेगी.
14 सदस्यों की कमेटी ने तैयार की थी रिपोर्ट ब्याज माफी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में नोएडा-ग्रेनो प्राधिकरण के हक में फैसला दिया था. इसके चलते दोनों प्राधिकरण की बिल्डरों पर करीब 45 हजार करोड़ की देनदारी बताई जा रही है. बिल्डर संगठनों ने इस रकम को देने से साफ इंकार किया था. उन्होंने कहा था कि इस वसूली से वह दिवालिया हो जाएंगे. केंद्र सरकार ने सीनियर आईएएस अमिताभ कांत की अध्यक्षता में 14 सदस्यों की एक कमिटी बनाकर फंसे हुए रियल एस्टेट सेक्टर को उबारने के लिए पॉलिसी तैयार करने का नोटिफिकेशन जारी किया था.
उत्तरप्रदेश | फ्लैटों की रजिस्ट्री न होने से परेशान लाखों लोगों का आंदोलन अब बैंक और नेताओं की नींद उड़ाने जा रहा है. लोकसभा चुनाव से पहले जहां सोसाइटी के बाहर रजिस्ट्री नहीं तो वोट नहीं के बैनर टंगने शुरू हो गए हैं. वहीं, सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये गुहार लगाई जा रही है कि फ्लैट खरीदार बैंकों को ईएमआई देना बंद करें ताकि सरकार और बैंकों दोनों पर दबाव बनाया जा सके.
सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे अभियान में कहा जा रहा है कि जब तक कम से कम 50 हजार लोग बैंकों को ईएमआई देना बंद नहीं करेंगे तब तक घर मिलने से रहा. इन संदेशों में कहा जा रहा है कि यूनिटेक के प्रोजेक्टों में 20 हजार से अधिक, आम्रपाली में 40 हजार से अधिक, सुपरटेक में 30 हजार से अधिक और जेपी में 25 हजार से अधिक फ्लैट खरीदार हैं, जो ईएमआई दे रहे हैं. इसके अलावा एक हजार से अधिक जिले भर में ऐसे छोटे प्रोजेक्ट हैं, जिनमें ईएमआई देने वालों की संख्या 500 से लेकर पांच हजार तक है. इन सभी लोगों से अपील है कि वह बैंकों को दी जाने वाली ईएमआई बंद करें. जब उन्हें अपना घर ही नहीं मिला तो वह ईएमआई किसके लिए दें. जिले में विभिन्न प्रोजेक्टों में फ्लैट बुक कराने वाले खरीदार मनीष गुप्ता, निखिल, आनन्द मिश्रा, ज्योति सिंह, कामना अग्रवाल, मोहित विश्वकर्मा आदि का कहना है कि वह बिना फ्लैट के ही सालों से ईएमआई दे रहे हैं, जबकि यह फ्लैट उन्हें पांच से आठ साल पहले मिल जाने चाहिए थे.
रजिस्ट्री कराएं तभी सोसाइटी में वोट मांगने आएं जिले की विभिन्न सोसाइटी में लोगों ने बैनर लगाने शुरू कर दिए हैं कि बिल्डरों से हमारा हक दिलाएं और फ्लैटों की रजिस्ट्री कराएं, तभी सोसाइटी में वोट मांगने आएं. सेक्टर-120 स्थित आरजी रेजीडेंसी में एक दिन पूर्व ही फ्लैट खरीदारों ने प्रदर्शन कर इस तरह के बैनर लगाए हैं. जबकि, ग्रेटर नोएडा वेस्ट औऱ सेवन एक्स सोसाइटी के लोग पहले ही इस तरह की घोषणा कर चुके हैं कि उनके प्रोजेक्टों में रजिस्ट्री कराएं तभी वोट मांगने आएं.
एक सप्ताह पहले मुख्य सचिव ने ली जानकारी फ्लैट खरीदारों की मदद के लिए तैयार की जाने वाली अमितांभ कांत समिति की रिपोर्ट के संबंध में एक सप्ताह पहले मुख्य सचिव ने जानकारी ली. नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना तीनों प्राधिकरणों के अधिकारी इस बैठक में मौजूद रहे थे. प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि शासन स्तर से मंजूरी के बाद ही प्राधिकरण में इस रिपोर्ट को लागू किया जाएगा. अगर सिफारिशों पर अमल हुआ तो करीब 1.67 लाख फ्लैट खरीदारों को राहत मिलेगी.
14 सदस्यों की कमेटी ने तैयार की थी रिपोर्ट ब्याज माफी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में नोएडा-ग्रेनो प्राधिकरण के हक में फैसला दिया था. इसके चलते दोनों प्राधिकरण की बिल्डरों पर करीब 45 हजार करोड़ की देनदारी बताई जा रही है. बिल्डर संगठनों ने इस रकम को देने से साफ इंकार किया था. उन्होंने कहा था कि इस वसूली से वह दिवालिया हो जाएंगे. केंद्र सरकार ने सीनियर आईएएस अमिताभ कांत की अध्यक्षता में 14 सदस्यों की एक कमिटी बनाकर फंसे हुए रियल एस्टेट सेक्टर को उबारने के लिए पॉलिसी तैयार करने का नोटिफिकेशन जारी किया था.
