फर्जी तरीके से ग्रुप D की परीक्षा देते पकड़ी गईं महिला SI और कांस्टेबल

कैथल। बीते 21 व 22 अक्तूबर को हरियाणा में HSSC ग्रुप-डी की परीक्षा करवाई गई थी। जिसमें करीब साढ़े 13 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किये थे। इस दौरान प्रदेश सरकार ने परीक्षा को लेकर काफी कड़ाई करने का दावा किया था, और बहुत हद तक वे इसमें सफल भी रहे। लेकिन यहां फर्जीवाड़ा करने वाले प्रशासन से भी दो कदम आगे निकल गए। किसी दूसरे की जगह पर परीक्षा में बैठने का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा। प्रशासन ने ऐसे लोगों को पकड़ा भी और उनपर कार्रवाई भी की जा रही है। आप सुनकर हैरान हो जाएंगे कि इस फेहरिस्त में सरकारी कर्मचारियों का भी नाम शामिल है। कैथल के गुहला चीका में दो महिला पुलिस कर्मियों को भी इस फर्जीवाड़े में गिरफ्तार किया गया है।
दरअसल, रविवार सांयकालीन सत्र के दौरान दुसेरपुर स्थित शारदा पब्लिक स्कूल परीक्षा केंद्र में ये महिलाएं किसी दूसरे के स्थान पर पेपर देने पहुंची थी। जब मामले का खुलासा हुआ तो प्रशासन के भी होश फाख्ता हो गए, क्योंकि ये दोनों महिलाएं पुलिस विभाग से जुड़ी हुई थी। बीती रात पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया। इसमें एक प्रोविजनल सब इंस्पेक्टर व एक कांस्टेबल है। कैथल एसपी उपासना ने बताया कि 21 व 22 अक्तूबर को सीईटी ग्रुप डी परीक्षा आयोजित की गई थी। सुपरिटेंडेंट दर्शना देवी की शिकायत अनुसार उनके केंद्र पर 2 परीक्षार्थियों के बायोमेट्रिक मैच नहीं कर रहे हैं। दोनों परीक्षार्थी अपनी परीक्षा संबंधी पहचान नहीं दिखा सके, जो दूसरे कैंडिडेट के स्थान पर परीक्षा देने पहुंचे थे। एक महिला परीक्षार्थी कविता जो ऋतु की जगह परीक्षा दे रही थी। दूसरी कैंडिडेट अमरलता जो पूजा की जगह परीक्षा दे रही थी।
फिलहाल आरोपियों के खिलाफ थाना गुहला में मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। एसआई सुभाष ने बताया कि आरोपी कविता निवासी गांव नीमवाला तथा अमरलता निवासी कलौदा खुर्द जिला जींद को गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच के दौरान सामने आया कि अमरलता बतौर पीएसआई (प्रोविजनल सब इंसपेक्टर) जिला भिवानी में तैनात है तथा कविता बतौर सिपाही जिला कुरुक्षेत्र में तैनात है। आरोपियों ने कबूल किया कि पूजा व ऋतु उनकी दोस्त हैं और वे अपने दोस्त का पेपर देने पहुंची थी। पुलिस द्वारा नियमानुसार आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। गुहला एस.डी.जे.एम. सचिन यादव की अदालत में दोनों ही आरोपियों को पेश किया गया। जहां पर पुलिस की तरफ से सरकारी वकील व आरोपियों की तरफ से अन्य वकीलों ने अपने-अपने तर्क रखे। जिसे सुनने के पश्चात अदातल द्वारा आरोपियों से पूछताछ के लिए पुलिस को एक दिन का रिमांड ग्रांट किया गया।
