
जबलपुर। रेलवे द्वारा रोलिंग स्टॉक प्रोग्राम के तहत ऑटोमोबाइल ट्रांसपोर्ट के सुरक्षित और तेज परिवहन के लिए पुराने आईसीएफ कोचों को एनएमजीएचएस कोचों के रूप में विकसित कर फ्रेट ट्रेन के लिए तैयार किया जा रहा है। जिससे माल यातायात को बढ़ाने तथा सुरक्षित एवं किफायती परिवहन के लिए आईसीएफ कोचों को परिवर्तित और 110 किमी प्रति घंटे की गति से चलने के लिए न्यू मॉडिफाइड गुड्स हाई स्पीड (एनएमजीएचएस) कोच ऑटोमोबाइल कैरियर एवं पार्सल वैन में मल्टी पर्पस स्टॉक के लिए काफी उपयोगी साबित हो रही है। इसी कड़ी में पमरे के सवारी डिब्बा पुनर्निर्माण कारखाना, (सीआरडब्ल्यूएस) निशातपुरा भोपाल में दिसंबर माह में रिकॉर्ड कोच तैयार हुए है। भोपाल कारखाना द्वारा भारतीय रेलवे में पिछले 35 वर्षों से कोचों के अनुरक्षण का कार्य निरंतर किया जा रहा है। दिसंबर 2023 में रिकॉर्ड अधिकतम कोचों का अनुरक्षण कार्य किया गया। साथ ही कपलर वाले एनएमजीएचएस कोच का पहला रैक भी इसी माह में तैयार कर निकाला गया।

ज्ञात हो की भोपाल कारखाना द्वारा ही इसका प्रोटोटाइप तैयार किया गया था जिसे रेलवे बोर्ड की टीम ने संतोषजनक पाया और इसके निर्माण की हरी झंडी दी थी। एनएमजीएचएस कोच, पुराने आईसीएफ कोच को परिवर्तित कर बनाए जाते हैं, एनएमजीएचएस कोचों का उपयोग रेलवे में ऑटोमोबाइल ढुलाई के लिए किया जाता है, ये कोच ऑटोमोबाइल कैरियर परिवहन के लिए काफी उपयोगी साबित होते है।
मुख्य कारखाना प्रबंधक श्री अमितोज बल्लभ ने बताया कि रेल मंत्रालय के दिशानिर्देश में यह अभिनव कार्य संपादित हुआ है। उन्होंने कहा की भोपाल कारखाना अपनी गुणवत्ता एवं उत्पादकता के लिए भारतीय रेल में अग्रणी माना जाता है।
उप यांत्रिक अभियंता कुमार आशीष ने कहा कि इन कोचों का रिकार्ड उत्पादन मुख्यालय के मार्गदर्शन के साथ-साथ कारखाना के कर्मचारियों की सकारात्मक सोच और कौशल का परिणाम है। उन्होंने कारखाने द्वारा भविष्य में और अधिक उत्पादन और उच्च गुणवत्ता के लक्ष्य का भरोसा जताया।