यह कहना भ�?रामक है कि स�?प�?रीम कोर�?ट ने नोटबंदी को सही ठहराया; कांग�?रेस का कहना है कि फैसला नतीजे से नहीं ज�?ड़ा

पीटीआई द�?वारा
नई दिल�?ली: पूर�?व केंद�?रीय वित�?त मंत�?री पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि स�?प�?रीम कोर�?ट के बह�?मत के फैसले ने इस सवाल को स�?पष�?ट कर दिया है कि नोटबंदी के उद�?देश�?य पूरे ह�?�? या नहीं।
चिदंबरम ने सोमवार को शीर�?ष अदालत के फैसले के त�?रंत बाद कहा कि ‘अल�?पसंख�?यक’ फैसले ने नोटबंदी में ‘अवैधता’ और ‘अनियमितताओं’ की ओर इशारा किया।
�?क बार जब स�?प�?रीम कोर�?ट ने कानून घोषित कर दिया, चिदंबरम ने कहा, हम इसे स�?वीकार करने के लि�? बाध�?य हैं।
चिदंबरम ने ट�?वीट की �?क श�?रृंखला में कहा, “यह केवल सरकार की कलाई पर �?क थप�?पड़ हो सकता है, लेकिन कलाई पर �?क स�?वागत योग�?य थप�?पड़ है।”
“यह इंगित करना जरूरी है कि बह�?मत ने निर�?णय के ज�?ञान को बरकरार नहीं रखा है, न ही बह�?मत ने निष�?कर�?ष निकाला है कि बता�? ग�? उद�?देश�?यों को हासिल किया गया था। वास�?तव में, बह�?मत ने इस सवाल को स�?पष�?ट कर दिया है कि उद�?देश�?यों को हासिल किया गया था या नहीं, ” उसने बोला।
पूर�?व वित�?त मंत�?री ने कहा कि असहमति का फैसला सर�?वोच�?च न�?यायालय के इतिहास में दर�?ज प�?रसिद�?ध असहमति में श�?मार होगा।
फैसले का परिणाम से संबंध नहीं होता: कांग�?रेस
यह कहना “भ�?रामक और गलत” है कि सर�?वोच�?च न�?यायालय ने विम�?द�?रीकरण को बरकरार रखा है, कांग�?रेस ने घोषित किया, यह कहते ह�?�? कि इस मामले पर सर�?वोच�?च न�?यायालय का बह�?मत निर�?णय लेने की प�?रक�?रिया के सीमित म�?द�?दे से संबंधित है, न कि इसके परिणामों के साथ।
�?आईसीसी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “सर�?वोच�?च न�?यायालय का फैसला निर�?णय लेने की प�?रक�?रिया के सीमित म�?द�?दे से संबंधित है, न कि इसके परिणामों से। यह कहना कि माननीय सर�?वोच�?च न�?यायालय द�?वारा विम�?द�?रीकरण को बरकरार रखा गया है, पूरी तरह से भ�?रामक और गलत है।”
रमेश ने कहा कि फैसले में यह कहने के लि�? क�?छ नहीं है कि नोटबंदी के घोषित उद�?देश�?य पूरे ह�?�? या नहीं। उन�?होंने कहा, “इनमें से कोई भी लक�?ष�?य – प�?रचलन में म�?द�?रा को कम करना, कैशलेस अर�?थव�?यवस�?था की ओर बढ़ना, नकली म�?द�?रा पर अंक�?श लगाना, आतंकवाद को समाप�?त करना और काले धन का पता लगाना – महत�?वपूर�?ण उपायों से हासिल नहीं किया गया था।”
स�?प�?रीम कोर�?ट ने 4:1 के बह�?मत के फैसले में सरकार के 2016 के 1,000 र�?पये और 500 र�?पये के मूल�?यवर�?ग के नोटों को विम�?द�?रीकृत करने के फैसले को बरकरार रखते ह�?�? कहा कि निर�?णय लेने की प�?रक�?रिया त�?र�?टिपूर�?ण नहीं थी।
न�?यायमूर�?ति बी वी नागरत�?ना ने न�?यायमूर�?ति �?स �? नज़ीर की अध�?यक�?षता वाली संविधान पीठ के बह�?मत के फैसले से असहमति जताई और कहा कि 500 र�?पये और 1,000 र�?पये के नोटों की श�?रृंखला को �?क कानून के माध�?यम से खत�?म किया जाना चाहि�? न कि �?क अधिसूचना के माध�?यम से।
रमेश ने �?क बयान में कहा कि स�?प�?रीम कोर�?ट ने केवल यह कहा है कि 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा से पहले आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 26(2) को सही तरीके से लागू किया गया था या नहीं।
उन�?होंने कहा, “न क�?छ ज�?यादा, न क�?छ कम। �?क जज ने अपनी असहमति में कहा है कि संसद की उपेक�?षा नहीं की जानी चाहि�?।”
रमेश ने कहा, “इसने नोटबंदी के प�?रभाव के बारे में क�?छ नहीं कहा, जो कि �?कमात�?र विनाशकारी निर�?णय था। इसने विकास की गति को न�?कसान पह�?ंचाया, �?म�?स�?मई को पंग�? बना दिया, अनौपचारिक क�?षेत�?र को समाप�?त कर दिया और लाखों लोगों की आजीविका को नष�?ट कर दिया।”
अदालत ने सोमवार को अपने फैसले में कहा कि आर�?थिक नीति के मामलों में बह�?त संयम बरतना होगा और अदालत अपने फैसले की न�?यायिक समीक�?षा कर कार�?यपालिका के विवेक की जगह नहीं ले सकती।
बेंच, जिसमें जस�?टिस बी आर गवई, �? �?स बोपन�?ना और वी रामास�?ब�?रमण�?यन भी शामिल हैं, ने कहा कि केंद�?र की निर�?णय लेने की प�?रक�?रिया त�?र�?टिपूर�?ण नहीं हो सकती है क�?योंकि छह महीने की अवधि के लि�? आरबीआई और केंद�?र सरकार के बीच परामर�?श ह�?आ था।


R.O. No.12702/2
DPR ADs

Back to top button
रुपाली गांगुली ने करवाया फोटोशूट सुरभि चंदना ने करवाया बोल्ड फोटोशूट मौनी रॉय ने बोल्डनेस का तड़का लगाया चांदनी भगवानानी ने किलर पोज दिए क्रॉप में दिखीं मदालसा शर्मा टॉपलेस होकर दिए बोल्ड पोज जहान्वी कपूर का हॉट लुक नरगिस फाखरी का रॉयल लुक निधि शाह का दिखा ग्लैमर लुक