इनकम टैक्स ऑफिसर बनकर पहुंचे और साफ कर दी तिजोरी


जमशेदपुर:��2013 में एक मल्टी स्टारकास्ट वाली फिल्म आई थी स्पेशल 26. इस फिल्म में सीबाआई के नकली अधिकारी बन छापेमारी करने की कहानी दिखाई है. रील लाइफ की इस फिल्म से प्रभावित होकर और इसी अंदाज में झारखंड में भी क्राइम की वारदात को अंजाम दिया गया है. मामला जमशेदपुर से जुड़ा है जहां के सुंदरनगर थाना के जोंड्रागोड़ा निवासी एम मैरी नाम की महिला के घर में आयकर विभाग अधिकारी बन डकैतों ने डकैती की घटना को अंजाम दिया.
पुलिस ने ये कारनामा करने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और जेल भेज दिया. शनिवार को पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया है. गिरफ्तार आरोपियों में सरायकेला के तितिरबेला निवासी अजय पूर्ति, पश्चिमी सिंहभूम के जगरनाथपुर निवासी कांडे तिरिया, कमलेश तिरिया और मुसाबनी निवासी प्रमित पूर्ति शामिल है. मामले की जानकारी देते हुए एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि घटना में कई लोग शामिल थे पर फिलहाल चार लोगों को ही गिरफ्तार किया गया है. अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
एसएसपी ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि डकैतों के पास सूचना थी कि एम मेरी के घर करोड़ों रुपए है. एक माह पूर्व से आरोपियों ने प्लानिंग शुरू की और अन्य लोगों को छापेमारी के लिए तैयार किया. उन्होंने बकाया कि 24 सितंबर की सुबह सभी आरोपी तीन कार पर सवार होकर सिविल ड्रेस में घटना को अंजाम देने पहुंचे थे लेकिन उनके हाथ कुछ विशेष नहीं लगा. घटना को अंजाम देने के बाद सभी ने जिला छोड़ दिया और चाईबासा चले गए जबकि कुछ राज्य के बाहर भी चले गए.
एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार चार आरोपियों के अलावा भी कुछ और लोग शामिल हैं जिनकी गिरफ्तारी की जानी है. आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने घटना में प्रयुक्त कार को बरामद कर लिया है. हालांकि, डकैती किए गए नकद और गहने अब तक नहीं बरामद किए गए है. पुलिस के मुताबिक सभी आरोपी फिल्म स्पेशल 26 से प्रेरित होकर घटना को अंजाम देने पहुंचे थे. सभी स्मार्ट बनकर आयकर अधिकारी के रूप में एम मेरी के घर में घुसे और सबसे पहले घर का दरवाजा बंद करते हुए घर पर मौजूद एम मेरी से उसका मोबाइल ले लिया.
इस दौरान एक महिला समेत तीन लोगों ने एम मेरी और उसकी बेटी को बंधक बना लिया और आधे घंटे तक घर में पैसों की तलाश करते रहे. अंत में जब्ती सूची बनाकर एम मेरी से इन लुटेरों ने साइन भी करवाया ताकि किसी को शक न हो और फिर कार पर बैठकर सभी आराम से फरार हो गए.

जमशेदपुर:��2013 में एक मल्टी स्टारकास्ट वाली फिल्म आई थी स्पेशल 26. इस फिल्म में सीबाआई के नकली अधिकारी बन छापेमारी करने की कहानी दिखाई है. रील लाइफ की इस फिल्म से प्रभावित होकर और इसी अंदाज में झारखंड में भी क्राइम की वारदात को अंजाम दिया गया है. मामला जमशेदपुर से जुड़ा है जहां के सुंदरनगर थाना के जोंड्रागोड़ा निवासी एम मैरी नाम की महिला के घर में आयकर विभाग अधिकारी बन डकैतों ने डकैती की घटना को अंजाम दिया.
पुलिस ने ये कारनामा करने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और जेल भेज दिया. शनिवार को पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया है. गिरफ्तार आरोपियों में सरायकेला के तितिरबेला निवासी अजय पूर्ति, पश्चिमी सिंहभूम के जगरनाथपुर निवासी कांडे तिरिया, कमलेश तिरिया और मुसाबनी निवासी प्रमित पूर्ति शामिल है. मामले की जानकारी देते हुए एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि घटना में कई लोग शामिल थे पर फिलहाल चार लोगों को ही गिरफ्तार किया गया है. अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
एसएसपी ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि डकैतों के पास सूचना थी कि एम मेरी के घर करोड़ों रुपए है. एक माह पूर्व से आरोपियों ने प्लानिंग शुरू की और अन्य लोगों को छापेमारी के लिए तैयार किया. उन्होंने बकाया कि 24 सितंबर की सुबह सभी आरोपी तीन कार पर सवार होकर सिविल ड्रेस में घटना को अंजाम देने पहुंचे थे लेकिन उनके हाथ कुछ विशेष नहीं लगा. घटना को अंजाम देने के बाद सभी ने जिला छोड़ दिया और चाईबासा चले गए जबकि कुछ राज्य के बाहर भी चले गए.
एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार चार आरोपियों के अलावा भी कुछ और लोग शामिल हैं जिनकी गिरफ्तारी की जानी है. आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने घटना में प्रयुक्त कार को बरामद कर लिया है. हालांकि, डकैती किए गए नकद और गहने अब तक नहीं बरामद किए गए है. पुलिस के मुताबिक सभी आरोपी फिल्म स्पेशल 26 से प्रेरित होकर घटना को अंजाम देने पहुंचे थे. सभी स्मार्ट बनकर आयकर अधिकारी के रूप में एम मेरी के घर में घुसे और सबसे पहले घर का दरवाजा बंद करते हुए घर पर मौजूद एम मेरी से उसका मोबाइल ले लिया.
इस दौरान एक महिला समेत तीन लोगों ने एम मेरी और उसकी बेटी को बंधक बना लिया और आधे घंटे तक घर में पैसों की तलाश करते रहे. अंत में जब्ती सूची बनाकर एम मेरी से इन लुटेरों ने साइन भी करवाया ताकि किसी को शक न हो और फिर कार पर बैठकर सभी आराम से फरार हो गए.
