थारी पेंशन-थारे पास’ के मूलमंत्र के साथ वास्तविक हकदारों को दिया पेंशन योजनाओं का लाभ

नूंह। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने थारी पेंशन-थारे पास के मूलमंत्र के साथ विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं का लाभ वास्तविक हकदारों तक पहुंचाने का काम किया है। सरकार की सेवाओं का लाभ वास्तविक हकदारों तक पहुंचाने में लिए परिवार पहचान-पत्र सशक्त माध्यम बन रहा है। जिला नूंह में परिवार पहचान पत्र के माध्यम से अब तक वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के तहत 8 हजार 447 वृद्धजनों, 122 दिव्यांगजनों व नौ विधुरों की घर बैठे स्वत: ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन बनी है।
उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने बताया कि वृद्धावस्था पेंशन व दिव्यांग पेंशन योजनाओं को परिवार पहचान-पत्र से जोडऩे के बाद अब बुजुर्गों व दिव्यांगजनों को काफी राहत मिली है और अब इन्हें कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते, बल्कि आयु व आय के निर्धारित मापदंडों को पूरा करने वाले बुजुर्गों की पेंशन ऑटो मोड में बन रही है। अब किसी बुजुर्ग व दिव्यांगजन को वृद्धावस्था सम्मान भत्ता व दिव्यांग पेंशन प्राप्त करने के लिए आवेदन करने की कोई आवश्यकता नहीं है। जिला में 8 हजार 447 पात्र बुजुर्गों व 122 दिव्यांगजनों व नौ विधुरों की पेंशन पीपीपी के माध्यम से बनी है। समाज कल्याण विभाग द्वारा नूंह जिला के बुजुर्गों व दिव्यांगजनों को प्रतिमाह 2750 रुपए की राशि पेंशन के रूप में दी जा रही हैं।

परिवार पहचान-पत्र से वृद्धजनों को मिली कार्यालयों के चक्कर लगाने से मुक्ति

परिवार पहचान-पत्र से वृद्धजनों को पेंशन बनवाने के लिए कार्यालयों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिली है। पीपीपी के अनुसार जिनकी उम्र 60 साल हो गई है और जिनकी पति-पत्नी की सालाना आय 3 लाख रुपए से कम हैं, उनका डाटा क्रीड की तरफ से ऑटोमैटिक तरीके से सोशल जस्टिस डिपार्टमेंट को भेज दिया जाता है। पीपीपी में जैसे ही बुजुर्ग की उम्र 60 वर्ष होती हैं, उसी समय विभाग को क्रीड की ओर से सूचना मिल जाती है। इसके बाद विभाग संबंधित लाभार्थी के पास जाकर उसकी सहमति लेता हैं, यदि वह सहमति देता है तो उसके बाद पेंशन शुरू कर दी जाती है। उन्होंने बुजुर्गों से आह्वान किया कि वे वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के लिए किसी भी विभागों के कार्यालय में चक्कर ना लगाएं। इस सम्मान भत्ता के पात्र होते ही विभाग के कर्मचारी स्वयं आपके पास आएंगे। सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में वृद्धावस्था पेंशन के लिए आय की पात्रता सीमा 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए वार्षिक कर दी है।

दिव्यांगजनों को भी मिल रहा ऑटोमेटेड पेंशन योजना का लाभ

दिव्यांगों को पेंशन बनवाने के लिए समाज कल्याण विभाग कार्यालय के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। सरकार की ओर से दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) को ऑटोमेटेड पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। परिवार सूचना डेटा में 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग के रूप में सत्यापित दिव्यांगों के प्रासंगिक डेटा को हर महीने हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण द्वारा प्रमाणित किया जाता है। सत्यापन के बाद सभी दिव्यांगजनों का डेटा योजना द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंड के अनुसार सेवा विभाग के साथ सांझा किया जाता है। इसके बाद संबंधित अधिकारी पेंशन शुरू करने के लिए सहमति लेने के लिए दिव्यांग के पास जाते हैं और सहमति प्रदान करने वाले सभी दिव्यांगजनों की अगले महीने से पेंशन शुरू कर दी जाती है।


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