शिमला के बाद चौपाल में भी योजना क्षेत्र का होगा विस्तार

शिमला। शिमला के बाद अब कुल्लू और चौपाल में योजना क्षेत्र का विस्तार किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इन क्षेत्रों में बेतरतीब निर्माण को नियंत्रित करने के लिए योजना क्षेत्र का विस्तार करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दे रही है। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण हिमाचल प्रदेश में हाल ही में आई तबाही से भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। इस तबाही ने प्रदेश के लोगों को कई गहरे जख्म दिए और कई परिवार उजड़ गए। इस आपदा से सीख लेते हुए प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए है। इस कड़ी में सरकार ने प्रदेश के प्रमुख क्षेत्रों में बेतरतीब निर्माण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से कई उपाय लागू किए है। मंत्रिमंडल की हाल ही की बैठक में अनियोजित विकास से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए शिमला, चौपाल और कुल्लू में योजना क्षेत्र का विस्तार करने की योजना को स्वीकृति प्रदान की है।

शिमला शहर में वर्तमान योजना क्षेत्र के अंतर्गत 414 हेक्टेयर भूमि में 17 ग्रीन बेल्ट है। इस क्षेत्र की 76 प्रतिशत भूमि सरकार के अधीन है। अब राज्य ने अतिरिक्त आठ क्षेत्रों को ग्रीन जोन घोषित करने की स्वीकृति दी है। इनमें शिमला के रिट्रीट, मशोबरा, बंद टुकड़ा एंड्री शिव मंदिर एंड्री, ताल और गिरी, डीपीएफ खलीनी, बीसीएस मिस्ट चैंबर और परिमहल शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों के अलावा, कुल्लू और चौपाल में इसी प्रकार के उपायों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने इन क्षेत्रों में बेतरतीब निर्माण को नियंत्रित करने के लिए योजना क्षेत्र का विस्तार करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दे रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा से सीख लेने पर बल देते हुए प्रदेश में विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन स्थापित करने को विशेष अधिमान दिया है। पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता प्रदान करते हुए राज्य में सतत् विकास के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला के योजना क्षेत्र के ग्रीन जोन में और अधिक क्षेत्र शामिल करने के लिए विकास योजना के चैप्टर-17 में संशोधन शामिल है।