वास्तु के हिसाब से कौन सी दिशा है माता की चौकी के लिए उत्तम ,जाने
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हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि को बेहद ही शुभ माना जाता है जो कि नौ दिनों तक चलती है इस दौरान भक्त माता रानी के नौ रूपों की विधि विधान से पूजा करते हैं और उपवास आदि भी रखते हैं पितृपक्ष समापन के बाद नवरात्रि का आरंभ हो जाएगा। जो कि देवी साधना का महापर्व होता है। इस बार नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर से हो रही हैं और समापन 24 अक्टूबर को होगा।
�इसी दिन दशहरा का त्योहार भी मनाया जाएगा। ऐसे में अगर आप वास्तु नियमों के अनुसार माता की चौकी की स्थापना करते हैं तो देवी की अपार कृपा बरसती है तो आज हम आपको शारदीय नवरात्रि से जुड़े वास्तु नियम विस्तार से बता रहे हैं।
�नवरात्रि पूजन से जुड़े वास्तु नियम—
शारदीय नवरात्रि के पावन दिनों में लोग माता की अखंड ज्योति अपने घर में जलाते हैं इस अखंड ज्योत के लिए ईशान कोण को पवित्र माना गया है। वास्तु अनुसार ईशान कोण में नवरात्रि के दौरान माता की प्रतिमा और चौकी की स्थापना की जा सकती है ऐसा करने से देवी की कृपा बरसती है। ईशान को घर की सबसे पवित्र दिशा मानी जाती है वास्तु अनुसार उत्तर और पूर्व के बीच की दिशा को वास्तुशास्त्र में ईशान कोण कहा गया है।
�इस दिशा में घर का मंदिर व पूजन स्थल का निर्माण करवाना शुभ माना जाता है क्योंकि यहां पर सभी देवी देवताओं का वास होता है। ऐसे में हमेशा इस दिशा को साफ सुथरा भी बनाए रखना चाहिए इससे घर में सुख शांति और समृद्धि आती है। मान्यता है कि इस दिशा में बैठकर अगर पूजा पाठ किया जाए तो घर की नकारात्मकता दूर हो जाती है और सकारात्मकता का चारों ओर संचार होता है।
हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि को बेहद ही शुभ माना जाता है जो कि नौ दिनों तक चलती है इस दौरान भक्त माता रानी के नौ रूपों की विधि विधान से पूजा करते हैं और उपवास आदि भी रखते हैं पितृपक्ष समापन के बाद नवरात्रि का आरंभ हो जाएगा। जो कि देवी साधना का महापर्व होता है। इस बार नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर से हो रही हैं और समापन 24 अक्टूबर को होगा।
�इसी दिन दशहरा का त्योहार भी मनाया जाएगा। ऐसे में अगर आप वास्तु नियमों के अनुसार माता की चौकी की स्थापना करते हैं तो देवी की अपार कृपा बरसती है तो आज हम आपको शारदीय नवरात्रि से जुड़े वास्तु नियम विस्तार से बता रहे हैं।
�नवरात्रि पूजन से जुड़े वास्तु नियम—
शारदीय नवरात्रि के पावन दिनों में लोग माता की अखंड ज्योति अपने घर में जलाते हैं इस अखंड ज्योत के लिए ईशान कोण को पवित्र माना गया है। वास्तु अनुसार ईशान कोण में नवरात्रि के दौरान माता की प्रतिमा और चौकी की स्थापना की जा सकती है ऐसा करने से देवी की कृपा बरसती है। ईशान को घर की सबसे पवित्र दिशा मानी जाती है वास्तु अनुसार उत्तर और पूर्व के बीच की दिशा को वास्तुशास्त्र में ईशान कोण कहा गया है।
�इस दिशा में घर का मंदिर व पूजन स्थल का निर्माण करवाना शुभ माना जाता है क्योंकि यहां पर सभी देवी देवताओं का वास होता है। ऐसे में हमेशा इस दिशा को साफ सुथरा भी बनाए रखना चाहिए इससे घर में सुख शांति और समृद्धि आती है। मान्यता है कि इस दिशा में बैठकर अगर पूजा पाठ किया जाए तो घर की नकारात्मकता दूर हो जाती है और सकारात्मकता का चारों ओर संचार होता है।
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