भारत की इन जगहों पर होता है नवरात्रि का विशाल महोत्सव, जाने


भारत में पूर्व से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक हर जगह धूमधाम से नवरात्रि का महापर्व मनाया जाता है. कहीं पर माता दूर्गा के पंडाल सजते हैं तो कहीं डांडिया नाइट का भव्य आयोजन होता है. आप भारत में हैं या भारत घूमने आ रहे हैं तो आपको नवरात्रि के दिनों में कहां पर घूमने जाना चाहिए जान लें. त्योहार के खास मौके पर अगर आप इन जगहो पर घूमने जाएंगे तो ऐसा नज़ारा आपको देखने को मिलेगा जिसकी याद ज़िंदगीभर आपके साथ रहेगी. माता के दरबार में माथा टेकने जा रहे हैं तो ये भी जान लें कि किस माता के दरबार में माथा टेकने से आपको क्या आशीर्वाद मिलता है.
कटरा, जम्मू - माता वैष्णों देवी में नवरात्रि का जश्न
माता वैष्णों देवी के दरबार में यूं तो सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन नवरात्रि के खास मौके पर यहां की सजावट में करोड़ों रुपये श्राइन बोर्ड की ओर से खर्च किए जाते हैं. भक्तों की भीड़ कई बार इतनी बढ़ जाती है कि माता के दर्शन करने के लिए कई दिनों तक भवन के बाहर ही लोगों को इंतज़ार करना पड़ता है. कहते हैं आप अपने मन में जो भी मुराज लेकर माता के दरबार में जाते हैं माता उसे पूरा जरूर करती हैं.
अहमदाबाद में नवरात्रि का जश्न
गुजरात सरकार के लिए नवरात्रि का पर्व बेहद खास होता है. टूरिज़्म के लिहाज से भी इसे देखा जाता है. गुजरात के अहमदाबाद में नवरात्रि के कई विशाल और भव्य पंडाल लगते हैं. बड़े-बड़े सिंगर इनमें परफोर्म करते हैं. लाखों लोग एक साथ यहां गरबा खेलते हैं. दुर्गा के पंडाल सजते हैं और जगहृ-जगह पर यहां डांडिया नाइट का आयोजन किया जाता है. अगर आप गुजरात घूमने का प्लान बना रहे हैं तो शारदीय नवरात्रों के समय यहां घूमने जाएं. रातभर माता के जयकारों से जगह गूंजती है.
वाराणसी में नवरात्रि का जश्न
वाराणसी को शिव की नगरी कहा जाता है. नवरात्रि और दीपावली जैसे महापर्वों के मौके पर घाटों पर दिए जलाए जाते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार माता सती की मणिकर्णिका वाराणसी में गिरी थी. ये शक्तिपीठ भी है. यहां माता के विशालाक्षी और मणिकर्णी स्वरूप की पूजा होती है. कहते हैं माता पार्वती जी का कर्ण फूल यहां एक कुंड में गिर गया था, जिसे भगवान शंकर जी ने ढूंढा, जिस कारण इस स्थान का नाम मणिकर्णिका पड़ गया.
केरल में नवरात्रि का जश्न
केरल में देवी माता के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं. यहां हाथी देखने को मिलते हैं और पूजा के समय हाथी की पूजा भी साथ में की जाती है. नवरात्रि के मौके पर केरल के कुछ मंदिरो में इतने बड़े मेले का आयोजन होता है कि उसे साउथ का कुंभ कहा जाता है. विजयादशमी के दिन, केरलवासियों की अपनी ख़ास परंपरा होती है. भगवान के नाम के प्रतीक शब्द को एक स्वर्णिम रिंग की मदद से बच्चे की जीभ पर लिखा जाता है. इसी दिन चावल की थाली पर बच्चों से अक्षर लिखवाया जाता है. माता या पिता या घर का कोई बड़ा बच्चे का हाथ पकड़कर ये अक्षर लिखवाता है. यह पद्धति बच्चों को अक्षरों ज्ञान की दुनिया में कदम रखने की शुरुआत मानी जाती है और इसे विद्यारम्भम के नाम से जाना जाता है. कोट्टयम का पनच्चिक्काड सरस्वती मंदिर तथा मलप्पुरम का तुन्चन परम्ब, तिरुवनंतपुरम का आट्टुकाल भगवती मंदिर, तृश्शूर का गुरुवायूर श्री कृष्णा मंदिर तथा एरणाकुलम का चोट्टानिक्करा देवी मंदिर में खास आयोजन होता है.
बस्तर, छत्तीसगढ़ में नवरात्रि का जश्न
नवरात्रि के खास मौके पर यहां भव्य रथयात्रा निकाली जाती है. यहां पर माता को महुआ के लड्डूओं का भोग लगाने की परंपरा है. 52 शक्तिपीठों में एक शक्तिपीठ दंतेवाड़ा में स्थित है. इस शक्तिपीठ मंदिर को दंतेश्वरी मंदिर कहा जाता है. सालभर तो यहां पर भक्त आते ही हैं लेकिन नवरात्रि के दिनों में यहां श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ जाती है.

भारत में पूर्व से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक हर जगह धूमधाम से नवरात्रि का महापर्व मनाया जाता है. कहीं पर माता दूर्गा के पंडाल सजते हैं तो कहीं डांडिया नाइट का भव्य आयोजन होता है. आप भारत में हैं या भारत घूमने आ रहे हैं तो आपको नवरात्रि के दिनों में कहां पर घूमने जाना चाहिए जान लें. त्योहार के खास मौके पर अगर आप इन जगहो पर घूमने जाएंगे तो ऐसा नज़ारा आपको देखने को मिलेगा जिसकी याद ज़िंदगीभर आपके साथ रहेगी. माता के दरबार में माथा टेकने जा रहे हैं तो ये भी जान लें कि किस माता के दरबार में माथा टेकने से आपको क्या आशीर्वाद मिलता है.
कटरा, जम्मू – माता वैष्णों देवी में नवरात्रि का जश्न
माता वैष्णों देवी के दरबार में यूं तो सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन नवरात्रि के खास मौके पर यहां की सजावट में करोड़ों रुपये श्राइन बोर्ड की ओर से खर्च किए जाते हैं. भक्तों की भीड़ कई बार इतनी बढ़ जाती है कि माता के दर्शन करने के लिए कई दिनों तक भवन के बाहर ही लोगों को इंतज़ार करना पड़ता है. कहते हैं आप अपने मन में जो भी मुराज लेकर माता के दरबार में जाते हैं माता उसे पूरा जरूर करती हैं.
अहमदाबाद में नवरात्रि का जश्न
गुजरात सरकार के लिए नवरात्रि का पर्व बेहद खास होता है. टूरिज़्म के लिहाज से भी इसे देखा जाता है. गुजरात के अहमदाबाद में नवरात्रि के कई विशाल और भव्य पंडाल लगते हैं. बड़े-बड़े सिंगर इनमें परफोर्म करते हैं. लाखों लोग एक साथ यहां गरबा खेलते हैं. दुर्गा के पंडाल सजते हैं और जगहृ-जगह पर यहां डांडिया नाइट का आयोजन किया जाता है. अगर आप गुजरात घूमने का प्लान बना रहे हैं तो शारदीय नवरात्रों के समय यहां घूमने जाएं. रातभर माता के जयकारों से जगह गूंजती है.
वाराणसी में नवरात्रि का जश्न
वाराणसी को शिव की नगरी कहा जाता है. नवरात्रि और दीपावली जैसे महापर्वों के मौके पर घाटों पर दिए जलाए जाते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार माता सती की मणिकर्णिका वाराणसी में गिरी थी. ये शक्तिपीठ भी है. यहां माता के विशालाक्षी और मणिकर्णी स्वरूप की पूजा होती है. कहते हैं माता पार्वती जी का कर्ण फूल यहां एक कुंड में गिर गया था, जिसे भगवान शंकर जी ने ढूंढा, जिस कारण इस स्थान का नाम मणिकर्णिका पड़ गया.
केरल में नवरात्रि का जश्न
केरल में देवी माता के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं. यहां हाथी देखने को मिलते हैं और पूजा के समय हाथी की पूजा भी साथ में की जाती है. नवरात्रि के मौके पर केरल के कुछ मंदिरो में इतने बड़े मेले का आयोजन होता है कि उसे साउथ का कुंभ कहा जाता है. विजयादशमी के दिन, केरलवासियों की अपनी ख़ास परंपरा होती है. भगवान के नाम के प्रतीक शब्द को एक स्वर्णिम रिंग की मदद से बच्चे की जीभ पर लिखा जाता है. इसी दिन चावल की थाली पर बच्चों से अक्षर लिखवाया जाता है. माता या पिता या घर का कोई बड़ा बच्चे का हाथ पकड़कर ये अक्षर लिखवाता है. यह पद्धति बच्चों को अक्षरों ज्ञान की दुनिया में कदम रखने की शुरुआत मानी जाती है और इसे विद्यारम्भम के नाम से जाना जाता है. कोट्टयम का पनच्चिक्काड सरस्वती मंदिर तथा मलप्पुरम का तुन्चन परम्ब, तिरुवनंतपुरम का आट्टुकाल भगवती मंदिर, तृश्शूर का गुरुवायूर श्री कृष्णा मंदिर तथा एरणाकुलम का चोट्टानिक्करा देवी मंदिर में खास आयोजन होता है.
बस्तर, छत्तीसगढ़ में नवरात्रि का जश्न
नवरात्रि के खास मौके पर यहां भव्य रथयात्रा निकाली जाती है. यहां पर माता को महुआ के लड्डूओं का भोग लगाने की परंपरा है. 52 शक्तिपीठों में एक शक्तिपीठ दंतेवाड़ा में स्थित है. इस शक्तिपीठ मंदिर को दंतेश्वरी मंदिर कहा जाता है. सालभर तो यहां पर भक्त आते ही हैं लेकिन नवरात्रि के दिनों में यहां श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ जाती है.
