पंजाब की 18 वर्षीय महकदीप ने पहली बार संसद को किया संबोधित


जालंधर।�पंजाब की 18 वर्षीय लड़की महकदीप देश भर में पंजाब का गौरव बन रही है। पंजाबी सूट और फुलाकरी पहिरावे में सजी महकदीप राज्य की ऐसी पहली लड़की है, जिसे देश की संसद में संबोधन करने का सोभाग्य मिला। 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और पंडित लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस पर उसने संसद में संबोधन किया। अब तक महकदीप पंजाब व चंडीगढ़ की एकमात्र लड़की है जिसे भारत सरकार द्वारा 2015 से हर साल करवाए जा रहे कला उत्सव तहत यह मौका मिला है।
महकदीप इससे पूर्व भुवनेश्वर में हुए कला उत्सव में राष्ट्रीय स्तर पर हुए सोलो ड्रामा में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुकी है। वह प्रधानमंत्री की परीक्षा में चर्चा में भी शामिल हुई और उसे गणतंत्र दिवस परेड में भी आमंत्रित किया गया था। महक का बचपन से ही कला और संस्कृति की तरफ झुकाव तो था लेकिन, लेकिन सोलो ड्रामा में कई प्रस्तुतियां से उनका प्रदर्शन दिन-ब-दिन बढ़ता गया और भुवनेश्वर में अमृता प्रीतम की रचना पर किया गया उनका सोलो ड्रामा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को आकर्षित कर गया। 5 दिन पूर्व देश की नई संसद में दी अपनी स्पीच के दौरान महकदीप ने 20 देशों की पार्लियामेंट को ग्रीन इंस्टीट्यूशन बनाने के लिए इस साल करवाए जा रहे पी-20 के जिक्र के साथ-साथ भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भावभीनी श्रद्धांजलि भेंट की। उसने अपनी स्पीच में शास्त्री जी की सादगी, उनकी पढ़ाई व उनके सौहार्द की बात विस्तार से की।
उसे ये सुअवसर कला उत्सव के तहत मिल रहा है। कला उत्सव 2015 से भारत सरकार के शिक्षा मंत्राल्य के स्कूल और साक्षरता विभाग एक ऐसी पहल है, जिसका उद्देश्य सैकेंडरी स्तर के विद्यार्थियों की कलात्मक प्रतिभा को पहचानना, पालन पोषण करना, प्रस्तुत करना और बढ़ावा देना है। शिक्षा मंत्रालय सैकेंडरी स्तर के विद्यार्थियों में सौंदर्यबोध और कलात्मक अनुभवों की आवश्यकता पहचान रहा है और इसके द्वारा विद्यार्थियों में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविधता के ज्ञान प्रदान कर रहा है। पंजाब के खरड़ की रहने वाली और चंडीगढ़ में बीए -प्रथम वर्ष की छात्रा महकदीप ने एक मुलाकात में बताया कि वह आगे थिएटर के साथ-साथ एक्टिंग में भी अपना भाग्य आजमाएंगी व साइकोलॉजी के क्षेत्र में डॉक्टरेट कर युवाओं का मार्गदर्शन करेंगी।
जालंधर।�पंजाब की 18 वर्षीय लड़की महकदीप देश भर में पंजाब का गौरव बन रही है। पंजाबी सूट और फुलाकरी पहिरावे में सजी महकदीप राज्य की ऐसी पहली लड़की है, जिसे देश की संसद में संबोधन करने का सोभाग्य मिला। 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और पंडित लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस पर उसने संसद में संबोधन किया। अब तक महकदीप पंजाब व चंडीगढ़ की एकमात्र लड़की है जिसे भारत सरकार द्वारा 2015 से हर साल करवाए जा रहे कला उत्सव तहत यह मौका मिला है।
महकदीप इससे पूर्व भुवनेश्वर में हुए कला उत्सव में राष्ट्रीय स्तर पर हुए सोलो ड्रामा में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुकी है। वह प्रधानमंत्री की परीक्षा में चर्चा में भी शामिल हुई और उसे गणतंत्र दिवस परेड में भी आमंत्रित किया गया था। महक का बचपन से ही कला और संस्कृति की तरफ झुकाव तो था लेकिन, लेकिन सोलो ड्रामा में कई प्रस्तुतियां से उनका प्रदर्शन दिन-ब-दिन बढ़ता गया और भुवनेश्वर में अमृता प्रीतम की रचना पर किया गया उनका सोलो ड्रामा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को आकर्षित कर गया। 5 दिन पूर्व देश की नई संसद में दी अपनी स्पीच के दौरान महकदीप ने 20 देशों की पार्लियामेंट को ग्रीन इंस्टीट्यूशन बनाने के लिए इस साल करवाए जा रहे पी-20 के जिक्र के साथ-साथ भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भावभीनी श्रद्धांजलि भेंट की। उसने अपनी स्पीच में शास्त्री जी की सादगी, उनकी पढ़ाई व उनके सौहार्द की बात विस्तार से की।
उसे ये सुअवसर कला उत्सव के तहत मिल रहा है। कला उत्सव 2015 से भारत सरकार के शिक्षा मंत्राल्य के स्कूल और साक्षरता विभाग एक ऐसी पहल है, जिसका उद्देश्य सैकेंडरी स्तर के विद्यार्थियों की कलात्मक प्रतिभा को पहचानना, पालन पोषण करना, प्रस्तुत करना और बढ़ावा देना है। शिक्षा मंत्रालय सैकेंडरी स्तर के विद्यार्थियों में सौंदर्यबोध और कलात्मक अनुभवों की आवश्यकता पहचान रहा है और इसके द्वारा विद्यार्थियों में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविधता के ज्ञान प्रदान कर रहा है। पंजाब के खरड़ की रहने वाली और चंडीगढ़ में बीए -प्रथम वर्ष की छात्रा महकदीप ने एक मुलाकात में बताया कि वह आगे थिएटर के साथ-साथ एक्टिंग में भी अपना भाग्य आजमाएंगी व साइकोलॉजी के क्षेत्र में डॉक्टरेट कर युवाओं का मार्गदर्शन करेंगी।
