इलाज के नाम पर 1.60 लाख ठगी


रांची। साइबर अपराधियों ने इलाज के नाम पर बरियातू जोड़ा तालाब इंद्रप्रस्थ कॉलोनी निवासी सौरभ कुमार से 1,60,600 रुपये ठग लिये। घटना को लेकर सौरभ कुमार ने सोमवार को बरियातू थाना में केस दर्ज कराया। सौरभ ने पुलिस को बताया कि उनके भाई रिम्स में इलाज के लिए भर्ती थे। उनके बेहतर इलाज के लिए जब उन्होंने पतंजलि योगपीठ हरिद्वार की वेबसाइट पर सर्च किया, तब उनके मोबाइल नंबर पर 30 सितंबर को फोन आया।
फोन करने वाले ने मरीज का पूरा डिटेल लेने के बाद शाम को दोबारा फोन किया। उनसे कहा कि मरीज को दिखाने के लिए नंबर लगाना पड़ेगा और इसके लिए पैसे लगेंगे। तब शिकायतकर्ता ने एक अक्टूबर को अपने दोस्त के खाते से 50,000 रुपये हरिद्वार स्थित एचडीएफसी के एक खाते में ट्रांसफर कर दिया।
इसके बाद उसी दिन उन्होंने अपने खाते से 55,600 रुपये ट्रांसफर किये। फिर उन्होंने अपने एक दोस्त के एकाउंट से 50,000 रुपये से अधिक भेजा। जब शिकायतकर्ता ने उससे गेट पास की मांग की, तब टाल-मटोल किया जाने लगा। गेट पास देने के नाम पर और पैसे की मांग की। तब शिकायतकर्ता को लगा कि उनके साथ ठगी की जा रही है। इसके बाद वह पैसे वापस मांगने लगे। लेकिन आरोपी ने पैसे वापस करने से इनकार कर दिया। तब शिकायतकर्ता को एहसास हुआ कि उनके साथ साइबर अपराधियों ने ठगी की है।

रांची। साइबर अपराधियों ने इलाज के नाम पर बरियातू जोड़ा तालाब इंद्रप्रस्थ कॉलोनी निवासी सौरभ कुमार से 1,60,600 रुपये ठग लिये। घटना को लेकर सौरभ कुमार ने सोमवार को बरियातू थाना में केस दर्ज कराया। सौरभ ने पुलिस को बताया कि उनके भाई रिम्स में इलाज के लिए भर्ती थे। उनके बेहतर इलाज के लिए जब उन्होंने पतंजलि योगपीठ हरिद्वार की वेबसाइट पर सर्च किया, तब उनके मोबाइल नंबर पर 30 सितंबर को फोन आया।
फोन करने वाले ने मरीज का पूरा डिटेल लेने के बाद शाम को दोबारा फोन किया। उनसे कहा कि मरीज को दिखाने के लिए नंबर लगाना पड़ेगा और इसके लिए पैसे लगेंगे। तब शिकायतकर्ता ने एक अक्टूबर को अपने दोस्त के खाते से 50,000 रुपये हरिद्वार स्थित एचडीएफसी के एक खाते में ट्रांसफर कर दिया।
इसके बाद उसी दिन उन्होंने अपने खाते से 55,600 रुपये ट्रांसफर किये। फिर उन्होंने अपने एक दोस्त के एकाउंट से 50,000 रुपये से अधिक भेजा। जब शिकायतकर्ता ने उससे गेट पास की मांग की, तब टाल-मटोल किया जाने लगा। गेट पास देने के नाम पर और पैसे की मांग की। तब शिकायतकर्ता को लगा कि उनके साथ ठगी की जा रही है। इसके बाद वह पैसे वापस मांगने लगे। लेकिन आरोपी ने पैसे वापस करने से इनकार कर दिया। तब शिकायतकर्ता को एहसास हुआ कि उनके साथ साइबर अपराधियों ने ठगी की है।
