बिना परामर्श गैस की दवा लेने से 90 को एसिडिटी

आगरा: पेट में गैस बनना, भारी रहना या अपच जैसी दिक्कत. आम तौर पर लोग ऐसी परेशानी में केमिस्ट से खुद ही दवा लेकर खा लेते हैं. अगर आप भी ऐसा करते हैं तो सावधान हो जाइए. यह बुरी आदत एसिडिटी का स्थायी मरीज बना सकती है.
इंडियन डायटेटिक एसोसिएशन ने प्रदेश के चार गांवों का सर्वे किया. साथ ही इससे जुड़े डाक्टरों और मरीजों का फीडबैक लिया. वरिष्ठ फिजीशियन डा. अरुण अग्रवाल के मुताबिक सर्वे में पाया गया कि शहर में रहने वाले 10 में से सात लोग एसिडिटी की दिक्कत से पीड़ित हैं. इन लोगों में गैस से बनने वाली बीमारियां जीईआरडी हैं. जबकि देहात में यह आंकड़ा दो से तीन के बीच है. कारण यह कि वहां के लोग पैदल अधिक चलते हैं. खेतों में काम करते हैं. सर्वे में 4912 मरीजों से भी बातचीत की गई. साथ ही 554146 मरीजों से एसिडिटी वाले डाक्टरों के पास जाने का कारण पूछा गया. इन जैसी बीमारियों का इलाज करने वाले 7400 डाक्टरों के अनुभव भी लिए गए. पता चला कि गैस संबंधी दिक्कतों में सिर्फ 10 प्रतिशत मरीजों ने ही डाक्टरों से परामर्श लिया है. शेष सभी ने खुद केमिस्ट से दवाएं लेकर खाई हैं. लगातार सेवन के बाद उन्होंने एसिडिटी का रोग पाल लिया है.
