जन्म भूमि मामले में याचिका खारिज

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के स्थान को कृष्ण जन्मभूमि की मान्यता देने की मांग की गई थी. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दिया है.
महक महेश्वरी की जनहित याचिका में विवादित परिसर हिंदुओं को सौंपने की मांग की गई थी. जनहित याचिका में दावा किया गया कि विवादित परिसर पहले मंदिर था. कहा गया कि मंदिर को तोड़कर वहां शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया गया था. याचिका में मामले का निपटारा होने तक विवादित परिसर में हिंदुओं को पूजा अर्चना की अनुमति देने की भी मांग की गई थी. इसी मांग को लेकर कई मुकदमे पेंडिंग होने के आधार पर जनहित याचिका खारिज की गई है. कोर्ट ने कहा कि लगभग ऐसी ही मांग को लेकर डेढ़ दर्जन मुकदमे लंबित हैं और जब ओरिजिनल सूट ही पेंडिंग है तो ऐसे मामले में जनहित याचिका पर फैसला नहीं दिया जा सकता. इस याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने गत चार सितंबर को अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था. सुनवाई के दौरान याची महक माहेश्वरी के उपस्थित न होने के कारण जनहित याचिका 19 जनवरी 2021 को खारिज हो गई थी. बाद में मार्च 2022 में जनहित याचिका रेस्टोर हुई. मथुरा में जन्मभूमि और ईदगाह मस्जिद की जमीन को लेकर तकरीबन डेढ़ दर्जन सिविल सूट मथुरा की जिला अदालत में दाखिल किए गए थे.
