उल�?फा समस�?या का समाधान नहीं होने के पीछे ‘अस�?लह’ मतभेद कारण: असम के म�?ख�?यमंत�?री सरमा

ग�?वाहाटी: असम के म�?ख�?यमंत�?री हिमंत बिस�?वा सरमा ने कहा है कि उग�?रवादी समूह यूनाइटेड लिबरेशन फ�?रंट ऑफ असम (उल�?फा) के साथ समस�?या का समाधान नहीं हो सकने वाले मतभेदों के कारण नहीं हो सका है.
उन�?होंने मीडिया से कहा कि संगठन के “कमांडर-इन-चीफ” परेश बर�?आ से बात करना या सरकार और विद�?रोही समूह के बीच संचार के चैनल को ख�?ला रखना उनके लि�? कोई समस�?या नहीं है।
“अगर मैं कल स�?बह उनसे बात करना चाहता हूं, तो मैं कर सकता हूं। सरकार और उल�?फा के पास वह चैनल है। इसका क�?छ सकारात�?मक प�?रभाव पड़ा है क�?योंकि असम ने पिछले दो वर�?षों में कानून और व�?यवस�?था से संबंधित कई च�?नौतियों का सामना नहीं किया है … लेकिन समस�?या यह है कि परेश बर�?आ (असम की) आजादी के अलावा किसी और चीज पर चर�?चा नहीं करना चाहते, लेकिन मैंने (म�?ख�?यमंत�?री के रूप में) शपथ ली है कि मैं भारत की अखंडता और संप�?रभ�?ता की रक�?षा करूंगा।
उन�?होंने कहा कि संघर�?ष के समाधान के लि�? �?क पक�?ष को पीछे हटना होगा। उन�?होंने कहा, “मैं �?क कदम भी पीछे नहीं हट सकता, क�?योंकि यह मेरी शपथ के खिलाफ जा�?गा। मैं म�?ख�?यमंत�?री के रूप में नहीं रह सकता। यह उनके लि�? भी उतना ही म�?श�?किल है, क�?योंकि 10,000 लोगों ने (उल�?फा आंदोलन में) अपनी जान गंवाई है। इसलि�?, ये दोनों अपूरणीय अंतर हैं।” “सरमा ने कहा।
उन�?होंने कहा कि अगर असम के लोग बर�?आ को विश�?वास दिला सकते हैं कि अगर विद�?रोही नेता ने संप�?रभ�?ता की मांग छोड़ दी तो कोई भी उन�?हें विश�?वासघाती नहीं कहेगा, इससे उनकी मानसिकता बदल सकती है।
सरमा ने कहा कि असम में ब�?द�?धिजीवी और विभिन�?न छात�?र संगठन बर�?आ से संप�?रभ�?ता की मांग छोड़ने और अन�?य चीजों पर सौदेबाजी करने की अपील कर सकते हैं।
म�?ख�?यमंत�?री ने कहा, “मेरा मानना है कि इसमें लोगों की बड़ी भूमिका है। हमारा दरवाजा ख�?ला है।” असहमति के बिंद�? हैं, सम�?ौते के बिंद�? भी हैं। हमें उम�?मीद है कि �?क दिन क�?छ सकारात�?मक होगा।”
उल�?फा असम में �?कमात�?र समूह है जो शांति प�?रक�?रिया के दायरे से बाहर है। बर�?आ ने अक�?सर कहा है कि उनका समूह शांति वार�?ता में तभी भाग लेगा जब असम की संप�?रभ�?ता �?जेंडा हो।
