बेसिक विभाग के तीन और शिक्षकों के अभिलेख मिले फर्जी

उत्तरप्रदेश | फर्जी अभिलेख लगाकर नौकरी हथियाने वाले शिक्षकों पर लगातार विभाग शिकंजा कस रहा है. नौकरी जाती देख शिक्षक अपना पक्ष रखने के बजाए कोर्ट की शरण में जा रहे हैं. प्रदेश भर में फर्जी अभिलेख लगाकर नौकरी हथियाने वालों पर जिले के शिक्षकों की संख्या कम नहीं है.

इसी क्रम में तीन और शिक्षकों के अभिलेख की रिपोर्ट भिन्न है. प्रदेश भर के 176 शिक्षकों के अभिलेख एसटीएफ की जांच में फर्जी मिले थे. जांच में जिले से भी कई शिक्षक ऐसे थे जिनके अभिलेख फर्जी होने की पुष्टि रिपोर्ट में की गई थी. सत्यापन की रिपोर्ट के मुताबिक 8-9 शिक्षक ऐसे थे जिनके खिलाफ बर्खास्त की कार्रवाई की गई है. इनपर कार्रवाई के बाद जिले के शिक्षकों मंक हड़कंप मच गया था. हालांकि जिनके दस्तावेज सही थे वह तो निश्चिंत होकर शिक्षण कार्य में लगे रहे. जिनके दस्तावेज में कमी है वह उसे दुरुस्त कराने व बचने के जुगाड़ में लग गए.
विभागीय जांच में भी चार शिक्षक हो चुके हैं बर्खास्त
फर्जी अभिलेख लगाकर नौकरी करने वाले शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया था. यह वही शिक्षक थे जिनके अभिलेख एसटीएफ की जांच में फर्जी पाए गए थे. रिपोर्ट में अभिलेख फर्जी होने की पुष्टि के बाद से विभाग ने सत्यापन में तेजी दिखाई और विश्वविद्यालय स्तर पर रुके हुए सत्यापन का रिमाइंडर भेजा. साथ ही जिनके अभिलेखों पर संदेह था उन्हें विशेष वाहक से सत्यापन करवाया गया. सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने चार शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है जबकि तीन शिक्षकों को लगातार अपना पक्ष रखने की नोटिस दी जा रही है.
बर्खास्तगी के बाद चले गए थे कोर्ट
जिले के चार शिक्षक ऐसे थे जिनके अभिलेखों की सत्यापन रिपोर्ट अभिलेख से भिन्न थे. या यूं कहें कि नियुक्त के समय जो अभिलेख प्रस्तुत किए गए थे और सत्यापन रिपोर्ट दोनों ही अलग-अलग थी. इस वजह से विभाग ने उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया, संतुष्ट जवाब न होने पर बर्खास्तगी की कार्रवाई व केस दर्ज कर वसूली का आदेश दिया. इसके बाद चारों शिक्षक हाईकोर्ट चले गए. हाईकोर्ट ने चारों शिक्षकों का पक्ष एक बार सुनने का आदेश बीएसए को दिया. आदेश के बाद सभी के अभिलेखों का सत्यापन करवाया गया जिसकी रिपोर्ट मौजूदा अभिलेख से भिन्न थी. सत्यापन रिपोर्ट के बाद सभी का पक्षा सुना गया है और इन्हें बर्खास्त कर दिया गया. इसी क्रम में नियुक्ति प्रक्रिया में चल रहे तीन और शिक्षकों के अभिलेख की रिपोर्ट आ चुकी है. जो मौजूदा अभिलेख और विश्वविद्यालय की रिपोर्ट से भिन्न है. विभाग अब
इनपर भी बर्खास्तगी की कार्रवाई कर सकता है.
● एसटीएफ की जांच में 9 शिक्षकों को किया जा चुका है बर्खास्त
● तीन शिक्षकों को अपना पक्ष रखने को दी जा रही नोटिस
विभागीय सत्यापन रिपोर्ट में तीन और शिक्षकों के अभिलेख फर्जी पाए गए हैं. तीनों शिक्षकों को कई बार नोटिस भेजकर अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया है लेकिन वह उपस्थित नहीं हो रहे है.
-भूपेंद्र सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी
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