जातीय संगठनों से समीकरण साधेगी भाजपा

लखनऊ: मिशन-24 को लेकर भाजपा ने जातिगत गुणा-गणित दुरुस्त करना शुरू कर दिया है. मगर पार्टी ने रणनीति में बदलाव किया है. सामाजिक समीकरण साधने के लिए पार्टी ने इस बार मोर्चे पर जातीय संगठनों को लगाया है. विभिन्न जातियों के बीच पैठ बढ़ाने के लिए उनके बीच काम करने वाले सामाजिक संगठनों को ही कमान सौंपी जा रही है जबकि व में पार्टी ने सीधे तौर पर जातीय सम्मेलन किए थे. वहीं 22 के विधानसभा चुनाव में इन्हें सामाजिक सम्मेलन का नाम दिया गया था.
बीते दिनों लखनऊ में हुई संघ और भाजपा की समन्वय बैठक में चुनावी रोडमैप को लेकर विस्तार से बात हुई थी. वहीं संघ प्रमुख मोहन भागवत के चार दिनी लखनऊ प्रवास के दौरान भी संघ के तमाम संगठनों की आगामी रणनीति पर चर्चा की गई थी. संघ ने भी पैठ बढ़ाने के लिए सामाजिक संगठनों को आगे रखने को कहा है. वर्ष 24 लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा कील-कांटे ठीक करने में जुट गई है. विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे जातीय जनगणना की काट के लिए पार्टी ने अपनी रणनीति बदली है. भाजपा एक ओर जहां महिलाओं और दलितों पर फोकस कर रही है, वहीं ओबीसी सहित अन्य वर्गों पर भी पार्टी की निगाह है.
पार्टी में जातीय क्षत्रप किए जा रहे चिह्नित
