सेना के जवान के सीने में धड़केगा उज्जैन के ब्रेन डेड युवक का दिल

इंदौर। इंदौर में एक बार फिर अंगदान के क्षेत्र में मिसाल कायम की गई। यहां सोमवार को तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाकर उज्जैन के एक ब्रेन डेड युवक के अंगों को अलग-अलग अस्पतालों में प्रत्यारोपण के लिए भेजा गया। युवक के अंगों से पांच लोगों को नई जिंदगी मिलेगी। युवक का दिल पुणे भेजा गया है, जो भारतीय सेना के जवान के सीने में धड़केगा। जबकि विशेष ज्युपिटर हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को लीवर, बॉम्बे हॉस्पिटल और चोइथराम अस्पताल के दो मरीजों को दोनों किडनियां पहुंचाई गई हैं। इस वर्ष जनवरी में यह तीसरा मौका है, जब इंदौर में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर किसी ब्रेन डेड व्यक्ति के अंग प्रत्यारोपण के लिए भेजे गए।
दरअसल, उज्जैन के शुभम पैलेस निवासी आलू-प्याज व्यवसायी 34 वर्षीय प्रदीप अश्वनी (आसवानी) पुत्र शोभराज मल को एच/ओ आरटीए सिर की चोट के साथ 21 जनवरी 2023 को विशेष जुपिटर अस्पताल इंदौर में भर्ती कराया गया था। यहां उनका इलाज चला। तमाम कोशिशों के बाद भी प्रदीप की जान बचाना संभव नहीं हो सका। उनकी पहली एपनिया ब्रेन स्टेम डेथ डिक्लेरेशन 28 जनवरी को रात 11:48 बजे टीएचओए नियम, 2014 के तहत 4 डॉक्टरों की एक टीम द्वारा हुई। इसके बाद रविवार को उसी डॉक्टर्स की टीम द्वारा कन्फर्म किया गया कि व्यक्ति ब्रेन स्टेम डेड है। इसके बाद मुस्कान ग्रुप के सेवादार जीतू बागानी और संदीपन आर्य ने मरीज की माताजी कविता, बहन मनीषा रंगलानी, छोटे भाई चिराग आसवानी की काउंसलिंग कर उन्हें अंगदान के महत्व के बारे में बताया। परिजनों की सहमति के बाद सोमवार सुबह प्रदीप के अंगों को विभिन्न अस्पतालों में भेजने के लिए यहां ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए।
