माकपा के युवा नेता की पीएचडी थीसिस की जांच की जा सकती है

तिरुवनंतपुरम, (आईएएनएस)| केरल राज्य युवा आयोग की अध्यक्ष चिंता जेरोम की पीएचडी थीसिस की शिकायतें सामने आने के बाद माकपा के शीर्ष पदाधिकारी उनकी पीएचडी थीसिस की जांच करने पर विचार कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि सीपीआई (एम) ने केरल विश्वविद्यालय को उनकी थीसिस की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम गठित करने की मंजूरी दे दी है। यह विशेष टीम अपनी रिपोर्ट यूनिवर्सिटी सिंडिकेट को सौंपेगी, जिसे बाद में सीनेट में भेजा जाएगा। सूत्रों ने कहा कि बदले में सीनेट चांसलर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को सलाह देगी कि क्या किया जाना चाहिए।
उनके शोध प्रबंध का शीर्षक ‘द आइडियोलॉजिकल फाउंडेशन ऑफ मलयालम कमर्शियल सिनेमा इन द नियोलिबरल टाइम्स’ है, जिसके लिए उन्हें 2021 में केरल विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई थी।
जेरोम के आलोचक उनकी थीसिस में एक मौलिक गलती के साथ सामने आए हैं, जहां उन्होंने लिखा है कि मलयालम कविता, जिसका शीर्षक ‘वाजक्कुला’ है, को वायलोपिल्ली द्वारा लिखा गया था, जबकि यह मूल रूप से एक अन्य कवि चंगमपुझा कृष्णा पिल्लई द्वारा लिखी गई थी।
थीसिस के लिए जेरोम के प्रमुख मार्गदर्शक केरल विश्वविद्यालय के तत्कालीन प्रो वीसी पी.पी. अजयकुमार थे।
जबकि माकपा में उनके साथी युवा नेता यह कहकर उनका बचाव कर रहे हैं कि यह सिर्फ एक तकनीकी त्रुटि है और वर्तनी की गलतियां कोई गंभीर मुद्दा नहीं है, क्योंकि यह पहली बार नहीं हो रहा है।
चिंता माकपा की लोकप्रिय युवा शाखा के नेता हैं। सोशल मीडिया पर उनकी थीसिस में चूक सामने आने के बाद माकपा के शीर्ष नेता इस बात पर विचार कर रहे हैं कि इस हमले को जल्द रोका जाए।
