राजस्थान में कहर बनकर आया मानसून, बांसवाड़ा में 5 की मौत

राजस्थान। राजस्थान से विदाई से पहले मानसून ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है. राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के एक दर्जन से अधिक जिलों में पिछले चार दिनों से चल रहा बारिश का दौर सोमवार को भी जारी है. जिसके चलते आज प्रतापगढ़, जालोर और सांचौर के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है. वहीं, मौसम विभाग ने आज राज्य के 7 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है और लोगों को सावधान रहने की सलाह जारी की है. बारिश के कारण कई बांध ओवरफ्लो हो गए और उनके गेट खोलने पड़े. वहीं बांसवाड़ा में 5 लोगों की मौत हो गई. साथ ही एक दर्जन से अधिक कच्चे मकान ढह गये. बांसवाड़ा में बाणेश्वर धाम के टापू बन जाने से करीब चार दर्जन लोग वहां फंस गए, जिन्हें प्रशासन ने रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. यहां आधा दर्जन से ज्यादा जिलों में किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं. वहीं, कृषि विभाग ने किसानों को एडवाइजरी जारी कर सलाह दी है कि वे अपनी फसलों को बारिश से बचाकर सुरक्षित स्थान पर ले जाएं.
जानकारी के मुताबिक, जयपुर, दौसा, अलवर, जोधपुर, सवाई माधोपुर, बूंदी, उदयपुर, भीलवाड़ा, राजसमंद, कोटा, बाड़मेर, सिरोही, चित्तौड़गढ़ जिलों में कई जगहों पर सुबह से ही मानसून जैसी बारिश हुई. मौसम केंद्र जयपुर ने आज डूंगरपुर, राजसमंद, सिरोही, उदयपुर, बाड़मेर और जालोर जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. इससे पहले रविवार को पूरे राज्य में व्यापक बारिश हुई। रविवार को भी बांधों में पानी की आवक जारी रही, माही बांध के सभी 16 गेट खोलकर 4415.06 क्यूसेक पानी निकालने के अलावा पाली के जवाई बांध से गांधी सागर और कालीसिंध के 5-5 गेट खोलकर 25.480 क्यूसेक पानी की निकासी की गई. सागर. डूंगरपुर का धार्मिक स्थल बेणेश्वर धाम रविवार को टापू जैसा नजर आया. दरअसल, बांसवाड़ा में माही बांध के सभी 16 गेट शनिवार से ही खोल दिए गए. करीब 12 घंटे बाद धाम की ओर जाने वाले रास्तों पर बने साबला, वलाई और बांसवाड़ा पुलों पर पानी बहने लगा। इससे धाम का मंदिर टापू बन गया, जहां पुजारी के अलावा पुलिसकर्मी और स्थानीय व्यापारी समेत 50 लोग फंस गए. प्रशासन के मुताबिक, धाम में सभी लोग सुरक्षित हैं और उनके रहने और खाने-पीने की सारी व्यवस्था मंदिर में है.
