कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल मोरेह पहुंचे

सुरक्षा बलों के अतिरिक्त जवानों को मणिपुर के भारत-म्यांमार सीमावर्ती शहर मोरेह भेजा गया है।
इन अतिरिक्त बलों को सीमावर्ती शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मणिपुर के मोरेह में हाल ही में तैनात किया गया है।
इसकी जानकारी मणिपुर के मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता थौनाओजम बसंतकुमार सिंह ने गुरुवार (03 अगस्त) को दी।
यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि भारत-म्यांमार अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मणिपुर में मोरेह को दक्षिण पूर्व एशिया के लिए भारत का प्रवेश द्वार माना जाता है।
3 मई को कुकिस और मेइतीस के बीच जातीय संघर्ष के बाद मणिपुर के तेंगनौपाल जिले का मोरेह देश के बाकी हिस्सों से लगभग कट गया है।
मोरेह में रहने वाले 3000 से अधिक मैतेई शहर से भाग गए हैं और मणिपुर के घाटी जिलों में राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं। मणिपुर में मोरेह में मुख्य रूप से कुकी समुदाय के लोग रहते हैं।
मणिपुर के मंत्री ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए राज्य और केंद्रीय बलों के 200 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को मोरेह भेजा गया है।
वर्तमान में असम राइफल्स के जवान मोरेह में तैनात हैं और वहां राज्य पुलिस और कमांडो के कंकाल बल की सहायता कर रहे हैं।
यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि सैकड़ों कुकी महिलाएं पिछले चार दिनों से मोरेह की ओर जाने वाले रास्ते में टेंगनौअल में मणिपुर सुरक्षा कर्मियों को रोक रही हैं।
कुकी प्रदर्शनकारी मोरेह में तैनात राज्य बलों की पूर्ण वापसी की मांग कर रहे हैं।
