चुनाव आयोग ने नहीं दी मप्र के कर्मचारियों के महंगाई भत्ता बढ़ाने की अनुमित

भोपाल। मध्य प्रदेश में फिलहाल साढ़े सात लाख सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों को केन्द्र के बराबर महंगाई भत्ता नहीं मिल पाएगा। दरअसल, राज्य सरकार के सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4 फीसदी बढ़ाने की चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी, लेकिन आयोग ने सरकार को इसकी अनुमति नहीं दी है। ऐसे में अब सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के लिए चुनाव परिणाम आने तक इंतजार करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो दिन पहले सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया था कि राज्य सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता चार फीसदी बढ़ाने की अनुमति चुनाव आयोग से मांगी है।

बुधवार को चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को महंगाई भत्ता बढ़ाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इस संबंध में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने कहा कि प्रदेश के 7.50 लाख कर्मचारी को चार प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं 4.50 चार लाख सेवानिवृत कर्मचारियों को महंगाई राहत की अनुमति चुनाव आयोग द्वारा न देने से कर्मचारी एवं सेवानिवृत कर्मचारी निराश हैं। उन्होंने कहा कि मार्च 2020 में कमलनाथ सरकार के समय वित्त विभाग ने 12 फीसदी से 17 फीसदी देने के आदेश पर नई सरकार बनने पर रोक लगा दी थी। इसका नुकसान कर्मचारियों को ही हुआ था। उन्होंने कहा कि अब यदि इस प्रस्ताव को नई सरकार नहीं मानती है तो कर्मचारी वर्ग 500 करोड़ रुपये के लाभ से वंचित हो जाएगा।