क्रिप्टो करंसी फ्रॉड मामले के मुख्य आरोपी को देश लाने की तैयारी में पुलिस : डीजीपी

धर्मशाला। करोड़ों रुपए के क्रिप्टो करंसी फ्रॉड मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी बताए जा रहे सुभाष को देश में लाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत अब पुलिस ने यूएई में संबंधित एजैंसी से संपर्क साधा है। पुलिस इस मामले को लेकर सुभाष के खिलाफ लुक आऊट नोटिस भी जारी करेगी। उसके बाद यूएई सरकार को प्रत्यर्पण संधि के तहत सुभाष को भारत में डिपोट करना होगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक ओर आरोपी जोकि यूपी मेरठ निवासी बताया जा रहा है यह व्यक्ति भी इस मामले में संलिप्त बताया जा रहा है तथा यह भी मामला सामने आने के बाद देश छोड़ चुका है। उसको भी देश में लाने के लिए पुलिस जुट गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस को शक है कि यह भी यूएई में हो सकता है। वहीं शुक्रवार को क्रिप्टो करंसी मामले में अब तक की एसआईटी द्वारा की गई जांच की समीक्षा डीजीपी संजय कुंडू ने धर्मशाला में की। समीक्षा के बाद पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने इस मामले को लेकर हुई अब तक की जांच को सांझा किया। उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस ने बहुत ही कम समय में समझा और उसकी जांच करते हुए कई चीजों को पकड़ा है।

डीजीपी ने कहा कि इस मामले में अब तक की जांच से पता चला है कि यह डिजिटल घोटाला तकरीबन 2 हजार करोड़ रुपए का है तथा हिमाचल के 2.5 लाख इन्वैस्टर्स का पैसा फंसा है जो लगभग 400 करोड़ के करीब है। पुलिस को इस मामले में मोबाइल फोन, लैपटाप, मर्सिडीज गाड़ी, टाटा एक्सटेरियर व 10 हजार अमेरिकी डॉलर भी पुलिस के हाथ लगे हैं। इसके अलावा पुलिस आरोपियों की संपत्ति भी सीज कर रही है जिसे बेचकर शिकायतकर्ताओं के घाटे को पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया की मुख्य आरोपी हेमराज और सुखदेव जबकि मंडी जिला के रहने वाले हैं जबकि सरकाघाट का रहने वाला सुभाष फरार है जो विदेश चला गया है। उन्होंने कहा कि एक तय साजिश के दौरान क्रिप्टो करंसी को लाॅन्च किया गया जिसकी वैल्यू को बदलना आरोपियों के हाथ में था तथा इसी साजिश में मल्टी लेवल मार्कीटिंग को भी साथ में मिलाया गया, जिसमें सबसे ऊपरी लेवल के लोगों ने खूब कमाई की है। यह पैसों का लेनदेन केवल प्रदेश स्तर पर ही नहीं बल्कि पूरे राष्ट्रीय स्तर पर हो रहा था जिसमें निवेशक अपने रिश्तेदारों पर भरोसा कर निवेश कर रहे थे तथा अपने रिश्तेदारों को पैसे डबल होने की बात कह कर इस फ्रॉड स्कीम का हिस्सा बना रहे थे। फिलहाल प्रदेश पुलिस प्रदेशभर में निवेशकों के नुक्सान का जायजा ले रही है।